scriptखुशखबरी: सिर्फ 1 मरीज में हुआ कोरोना रिटर्न, 99.9 प्रतिशत लोगों में विकसित हो चुकी है एंटीबॉडी | Antibodies have developed in 99.9 percent of covid-19 infected people | Patrika News

खुशखबरी: सिर्फ 1 मरीज में हुआ कोरोना रिटर्न, 99.9 प्रतिशत लोगों में विकसित हो चुकी है एंटीबॉडी

locationरायपुरPublished: Jun 06, 2020 04:04:07 pm

Submitted by:

Karunakant Chaubey

राहत की खबर यह है कि अब तक 205 संक्रमित मरीजों को अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है, सिर्फ एक को छोड़कर शेष किसी में कोरोना वायरस ने पलटवार (कोरोना रिटर्न) नहीं किया है। इससे स्पष्ट है कि अगर, गाइड-लाइन पर इलाज हो और मरीज छुट्टी मिलने के बाद 14 दिन के क्वारंटाइन नियमों का पालन करे तो उसमें दोबारा कोरोना होने की संभावना नहीं होती।

खुशखबरी: सिर्फ 1 मरीज में हुआ कोरोना रिटर्न, 99.9 प्रतिशत लोगों में विकसित हो चुकी है एंटीबॉडी

खुशखबरी: सिर्फ 1 मरीज में हुआ कोरोना रिटर्न, 99.9 प्रतिशत लोगों में विकसित हो चुकी है एंटीबॉडी

रायपुर. प्रदेश में कोरोना के मरीजों की बढ़ती संख्या पर ब्रेक लगता दिखाई नहीं दे रहा है। हर रोज संक्रमित मरीजों का आंकड़ा पिछले रिकॉर्ड तोड़ता चला जा रहा है। मगर, इस बीच राहत की खबर यह है कि अब तक 205 संक्रमित मरीजों को अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है, सिर्फ एक को छोड़कर शेष किसी में कोरोना वायरस ने पलटवार (कोरोना रिटर्न) नहीं किया है। इससे स्पष्ट है कि अगर, गाइड-लाइन पर इलाज हो और मरीज छुट्टी मिलने के बाद 14 दिन के क्वारंटाइन नियमों का पालन करे तो उसमें दोबारा कोरोना होने की संभावना नहीं होती।

‘पत्रिका’ को मिली जानकारी के मुताबिक सूरजपुर जिला अंतर्गत श्रमिकों के लिए बनाए गए क्वारंटाइन में मई में झारखंड के मजदूरों में वायरस की पुष्टि हुई थी। इसी सेंटर में पदस्थ हॉस्टल अधीक्षक, रसोईया और एक पुलिस आरक्षक संक्रमित पाए गए थे। सभी को कोविड-19 हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया था। सभी स्वस्थ्य हो गए। मगर, कुछ ही दिनों के अंदर आरक्षक में दोबारा लक्षण देखे गए। जांच में वायरस की पुष्टि हुई और तत्काल उन्हें आईसोलेट किया गया। वह अभी भी आईसोलेट है। भले ही यह एकमात्र प्रकरण हो, मगर इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग गंभीरता बरत रहा है।

 

स्वास्थ्य विभाग की फॉलोअप पॉलिसी भी तगड़ी

– कोरोना संक्रमण से मुक्त हो चुके लोगों को कम से कम 14 दिनों तक घर में क्वारंटाइन नियमों का पालन करना होता है। बकायदा उनके घर के बाहर क्वारंटाइन का पोस्टर चश्पा किया जाता है।

– कोरोना कंट्रोल रूम से इनके पास लगातार फोन जाते हैं कि उन्हें कोई समस्या तो नहीं। होम क्वारंटाइन में रह रहे लोगों को भी 24 घंटे में एक बार कॉल जाता है। ये वे लोग होते हैं जो संक्रमित नहीं हैं, मगर दूसरे देश या राज्यों से लौटे हैं।

कोरोना के दोबारा हमले की यह हो सकती हैं वजह

जानकारों का मानना है कि बुजुर्ग, गर्भवती महिलाओं और बच्चों को खास एहतियात बरतने की जरुरत है। क्योंकि उनके अंदर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बाकी लोगों से कम होती है। या फिर ऐसे मरीज जो शुगर, ब्लड प्रेशर, हार्ट, किडनी और लिवर जैसी बीमारियों से ग्रसित हों। या जो शारीरिक रूप से किसी अन्य बीमारी से पीडि़त हों।

कोरोना मरीजों के उपचार की जो गाइड-लाइन में है, उसमें मरीजों को लगातार दो निगेटिव टेस्ट आने के बाद छुट्टी दी जाती है। इसके बाद भी उन्हें 14 दिन तक घर पर क्वारंटाइन रहना होता है। कम इम्यूनिटी वालों को ही ठीक होने में वक्त लगता है।अभी जो दूसरे राज्यों से लौटे हैं उन्हें।

-डॉ. धमेंद्र गहवईं, राज्य सर्विलेंस अधिकारी एवं प्रवक्ता, स्वास्थ्य विभाग

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