खाद्य लैब या चलित लैब में दूध व अन्य खाद्य पदाथोZ की जांच के लिए 35 रुपए प्रति सैंपल की जांच के देने पड़ते थे।सर्विलास सेंपल की जांच पूरी तहर से अब मुफ्त होगी। यदि लीगल सैंपल जिस पर न्यायालय में केस प्रस्तुत करना है उसके लिए चार्ज देना पड़ सकता है।
एफएएसएसआई के निर्देश के बाद 2018 में सैंपलिंग की गई थी। जिसमें रोज घर-घर पहुंचने वाले दूध असुरक्षित पाया गया था। लिए गए सैंपल में एफ्लाटॉक्सिन एम-1 मिला बिकने की पुष्टी हुई थी। फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) ने प्रदेश के 16 शहरों से 2018 में जून से दिसंबर के बीच दूध के 84 सैंपल लिए थे। उनकी जांच में 22 सैंपल अमानक मिले थे। इनमें से पांच में एफ्लाटॉक्सिन एम-1 घातक तत्व पाया गया था। जो सैंपल अमानक मिले हैं, उनमें से कुछ में एंटीबायोटिक भी मानक से ज्यादा पाया गया था। सैंपलों में ब्रांडेड डिब्बाबंद, पैकेट वाले तथा खुली डेयरियों के दूध शामिल थे।
होली के पहले मोबाइल लैब से जांच शुरू कर दी गई है। इसके लिए एफएसएसएआई ने दूध व उससे बने उत्पादों की जांच मुफ्त करने के निर्देश दिए हैं।
केडी कुंजाम, नियंत्रक, खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग