scriptआशा पारेख 46 साल से पी रही हैं बस्तर का अमारी पाउडर | Asha Parekh has been drinking Amari powder from Bastar for 46 years | Patrika News

आशा पारेख 46 साल से पी रही हैं बस्तर का अमारी पाउडर

locationरायपुरPublished: Dec 03, 2019 01:10:39 pm

Submitted by:

Mithilesh Mishra

– अरविंद नेताम के यहां एक बार पीया तो नहीं उतरा स्वाद- विधानसभा में सोमवार को हुआ इस कम मशहूर पेय का जिक्र

आशा पारेख 46 साल से पी रही हैं बस्तर का अमारी पाउडर

आशा पारेख 46 साल से पी रही हैं बस्तर का अमारी पाउडर

रायपुर. छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों में उगने वाला एक सामान्य सा पौधा पिछले चार-पांच दशकों से हिंदी सिनेमा के कालजयी कलाकारों के खानपान का अभिन्न हिस्सा बना हुआ है। विधानसभा में चर्चा के दौरान अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने सोमवार को बताया, अमारी का जो पाउडर है, उसमें बहुत ज्यादा ठंढक होती है। इसे गर्मी के समय पीते हैं। कम से कम 40 साल से आशा पारेख के लिए बस्तर से अमारी का कूटा हुआ पाउडर जाता है।
डॉ. महंत ने बताया, उन्हें करीब 30 वर्षों से इसकी जानकारी है। वे शूटिंग के लिए बस्तर आई थीं तो अरविंद नेताम ने उन्हें पिलाया था, तब से वह लगातार जाता है।

पत्रिका से बातचीत में पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम ने बताया, यह किस्सा 40 वर्ष से अधिक पुराना है। बात 1973 की है आशा पारेख उनके दिल्ली स्थित निवास पर पहुंची थीं। वहां उन्होंने अमारी, चिरौंजा और तिखुर का पेय पिलाया था। वह पेय उनको इतना अच्छा लगा कि बाद में वे मुझसे अमारी, चिरोंजा और तिखुर का पाउडर मंगाने लगीं। वह सिलसिला आज भी जारी है।
उनके कहने पर पाउडर उनके मुंबई स्थित घर पर अथवा जहां वे मंगाती है भिजवाता हूं। जिस दौर की बात हो रही है उसमें नेताम केंद्रीय शिक्षा और संस्कृति मंत्री थे। नेताम ने बताया, दिल्ली स्थित घर पर उन्होंने मेहमानों को कभी कोल्डड्रिंक परोसा ही नहीं था। मेहमानों को बस्तर का यही पेय मिलता था।

आशा ही नहीं दिलीप कुमार भी दिवाने
अरविंद नेताम ने बताया, अमारी के विलक्षण स्वाद के दीवानों में ट्रेजडी किंग दिलीप कुमार भी शामिल हैं। वे जब भी दिल्ली आते तो केवल अमारी की ड्रिंक पीने मेरे घर आ जाते थे। मैं नहीं होता तो पत्नी से यही बनाने को कहते और पीते थे।

अमारी के फलों से बनती है रंगत
हिबिस्कस केनेबिनस वैज्ञानिक नाम वाली अमारी भिंडी कुल का पौधा है। छत्तीसगढ़ में इसका मुख्य उपयोग भाजी के रूप में होता है। इसका एक विशिष्ट खटास वाला स्वाद है। अरविंद नेताम ने बताया, इसके फलों का गुलाबी छिलके से चटनी और शरबत आदि बनता है। एक मिनट के भीतर से शरबत को गुलाबी रंगत से भर देता है।
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