भारत निर्वाचन आयोग ने धर्म और संप्रदाय से जुड़ी बातों को प्रमुखता से जोर दिया गया है। इसमें कहा गया है कि ऐसी कोई भी गतिविधि, जो आपसी मतभेद और नफरत पैदा कर सकती हो या विभिन्न जातियों या समुदायों, धार्मिक और भाषाई समूहों के बीच तनाव पैदा कर सकती हो, का प्रयास नहीं किया जाना चाहिए।
गलत बयानबाजी करने से बचें आयोग ने कहा है कि राजनीतिक दल और नेता मतदाताओं को भ्रमित करने के उद्देश्य से बिना तथ्यात्मक आधार के मिथ्या बयान नहीं देंगे। असत्यापित आरोपों या विकृतियों के आधार पर दूसरे दलों या उनके कार्यकर्ताओं की आलोचना से परहेज किया जाएगा।
व्यक्तिगत हमले नहीं आयोग की ओर से जारी सलाह में कहा गया है कि दूसरे दलों के नेताओं या कार्यकर्ताओं की निजी ङ्क्षजदगी के उस पहलू की आलोचना नहीं की जानी है जो सार्वजनिक कार्यकलापों से नहीं जुड़ी हुई है। प्रतिद्वंद्वियों को अपमानित करने के लिए निम्न स्तर के व्यक्तिगत हमले नहीं किए जाएंगे।
नहीं उड़ा सकेंगे देवताओं का मजाक आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि चुनाव प्रचार के लिए किसी भी मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारा या पूजा के किसी भी स्थान का उपयोग नहीं किया जाएगा। इसके अलावा कोई भी राजनीतिक दल भक्त और देवता के बीच के संबंधों की खिल्ली उड़ाएंगे। इसके अलावा वोट मांगने के लिए दैवी प्रकोप की कोई बात कहेंगे।
महिलाओं के सम्मान और सोशल मीडिया पर भी जोर आयोग ने कहा गया है कि राजनीतिक दल और उसके उम्मीदवार महिलाओं की प्रतिष्ठा और सम्मान के विरुद्ध नहीं जाएंगे। मीडिया में असत्यापित और भ्रामक विज्ञापन नहीं दिया जाएगा। पार्टियों को सोशल मीडिया पर ऐसी सामग्री पोस्ट या साझा नहीं करनी चाहिए जो प्रतिद्वंद्वियों को बदनाम और अपमानित करती हो।
वाहनों में लगे पदनाम पट्टिका, सायरन, हूटर, ब्लैक फिल्म पर कार्रवाई लोकसभा चुनाव के तारीखों का एलान होते ही पूरे देश में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। आचार संहिता लागू होते ही पुलिस द्वारा शहर के प्रमुख मार्गो एवं चौक-चौराहों पर बेरिकेङ्क्षडग कर चेङ्क्षकग प्वाइंट लगाकर वाहनों से पदनाम पट्टिका, सायरन, हूटर व ब्लैक फिल्म निकालने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। यातायात डीएसपी गुरजीत ङ्क्षसह ने बताया कि आचार संहिता के तहत किसी भी अनाधिकृत व्यक्ति द्वारा पदनाम पट्टिका, सायरन, हूटर का उपयोग करना पूर्णत: वर्जित रहता है। इसे आचार संहिता का उल्लंघन माना जाता है।