प्रदर्शन के दौरान लड़कियों ने कहा कि इसका उद्देश्य केवल यह है कि महिलाओं के प्रति समाज में जो नजरिया है वो बदलना चाहिए, जिस तरह से पुरुष अपना काम आराम से कर पाते हैं, उसी तरह महिलाओं को भी यह अधिकार मिले और रात में अगर वो किसी काम को लेकर शहर या गांव की सड़कों पर रहती है तो समाज में उन्हें जिस दृष्टि से देखा जाता है उसमें परिवर्तन हो। इस मुहिम में लड़कियों के साथ उनके परिजनों ने भी समर्थन दिया।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के अलावा बिलासपुर, कोरबा, रायगढ़, भिलाई और जगदलपुर में भी ‘सहेलियों हाथ मिलाओ-सड़कों पे आओ’ मुहिम चल रहा है। लड़कियों ने इस मुहिम का जबरदस्त समर्थन किया। दरअसल वर्णिका कुंडु घटना के बाद भाजपा नेता ने सवाल उठाते हुए पूछा था कि लड़की रात को 12 बजे बाहर क्यों घूम रही थी?’
नेता के इस विवादित बयान के बाद पूरे देश की लड़कियों में जबरदस्त गुस्सा है। इसी को लेकर सोशल मीडिया पर मेरी रात, मेरी सड़क के नाम से हैशटैग चलाया जा रहा है। साथ ही अलग-अलग शहरों में मेरी रात, मेरी सड़क के नाम से इवेंट पेज भी बने हैं, जिन पर यूजर्स अपने दोस्तों को कैंपेन से जोड़ रहे हैं। वहीं, दिल्ली, चंडीगढ़, मुम्बई, लुधियाना, कानपुर, जम्मू, बनारस, पटना, रांची, चेन्नई, कलकत्ता, गुवाहाटी, हैदराबाद, बैंगलोर, पुणे, अहमदाबाद, इलाहबाद, भोपाल, जयपुर सहित अन्य शहरों में सड़कों पर उतर कर लड़कियों ने अपना विरोध जताया।