पकड़े जाते ही दोस्तों को दिया संदेश
जैसे ही पुलिस ने योगेन्द्र को पकड़ा, आरोपी ने अपना मोबाइल नंबर बंद कर दिया। इससे उसके दूसरे साथियों को उसके पकड़े जाने का संदेश मिल गया। इसके बाद सभी फरार हो गए।
इन बूथों को बनाते हैं निशाना
एटीएम कार्ड बदलकर ठगी करने वाले ऐसे एटीएम बूथों को निशाना बनाते हैं, जहां सिक्युरिटी गार्ड नहीं होता। इससे इन मशीनों के बटन को डिस्टर्ब कर देते हैं। इसके बाद ग्राहक आने का इंतजार करते हैं।
संदिग्धों से सावधान रहें
सेंट्रल क्राइम ब्रांच प्रभारी अश्वनी राठौर का कहना है कि एटीएम बूथों से राशि आहरण करते समय आसपास खड़े रहने वालों से सावधान रहना चाहिए।
ऐसे आते हैं ठगी करते हुए
नागेंद्र ने पुलिस को बताया है कि उसके चार अन्य साथी हैं। सभी टे्रन से सफर करते हुए एक-एक शहर में रूकते हुए आते हैं। जिस शहर में रूकते हैं, वहां एक-दो वारदात करने के बाद आगे बढ़ जाते हैं। कटनी, पेंड्रा, कोरबा होते हुए बिलासपुर पहुंचते हैं। वहां से दुर्ग-भिलाई होकर रायपुर आते हैं।
ऐसे देते हैं वारदात को अंजाम
ठग एटीएम मशीन के कुछ बटन को निष्क्रिय कर देते हैं। एटीएम बूथ के पास मंडराते रहते हैं। जैसे ही कोई राशि निकालने के लिए आता है। ठग उसके पास खड़े हो जाते हैं। ग्राहक मशीन में अपना कार्ड डालता, लेकिन बटन निष्क्रिय होने के कारण राशि नहीं निकल पाती।