ऑनलाइन शॉपिंग का करते हैं भुगतान
आरोपी एक साथ कई ऑनलाइन शॉपिंग की वेबसाइट पर सक्रिय रहते हैं और अलग-अलग सामान खरीदने का आर्डर देकर रखे रहते हैं, केवल भुगतान का ऑप्शन छोड़ देते हैं। जैसे ही किसी के एटीएम और क्रेडिट कार्ड का नंबर व गोपनीय नंबर की जानकारी मिलती है, उसे भुगतान के ऑप्शन में भर देते हैं। इससे ऑनलाइन खरीदे गए सामान का भुगतान पीडि़त के खाते से हो जाता है और सामान ठग के घर पहुंच जाता है।
बैंक वाले कभी नहीं करते एेसा
बैंक वाले कभी फोन करके एटीएम कार्ड अपडेट करने, खाता अपडेट करने के लिए नहीं करते और न ही कार्ड व खाते की गोपनीय जानकारी पूछताछ हैं।
अलर्ट रहने की जरूरत
एटीएम फ्रॉड से बचने के लिए अलर्ट रहने की जरूरत है। इससे ही धोखाधड़ी से बचा जा सकता है। ठग महिलाओं और छात्रों को ज्यादा टारगेट करते हैं। पुलिस ने जागरूकता अभियान भी चलाया था। इसके बावजूद लोगों में जागरूकता में भारी कमी आई है।
तत्काल दे सूचना
क्राइम ब्रांच के डीएसपी अभिषेक माहेश्वरी ने बताया कि एटीएम फ्रॉड का शिकार होने पर तत्काल पुलिस को सूचना देना चाहिए।
आप भी हो सकते हैं शिकार
थोड़ी सी अनदेखी करने पर आप भी ऑनलाइन फ्रॉड का शिकार हो सकते हैं। एटीएम, क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड के नाम पर ठगी करने वाले खुद को बैंक का अधिकारी या कर्मचारी बताते हैं और कार्ड ब्लॉक होने या खाता बंद होने की जानकारी देते हैं। बातचीत के दौरान ठग को अगर यह पता चल जाता है कि आप बैंकिंग कार्य, एटीएम कार्ड, क्रेडिट कार्ड आदि से संबंधित जानकारी कम रखते हैं, तो आप आसानी से ठगी के शिकार बन सकते हैं। ठग आपको कार्ड या खाता चालू कराने के नाम पर बैंक खाता, एटीएम कार्ड की सभी गोपनीय जानकारी ले लेता है। इसके बाद खाते से रकम पार कर लेते हैं।
बैंक वालों ने किया अलर्ट
ऑनलाइन ठगी और एटीएम फ्रॉड को देखते हुए बैंक वाले अपने ग्राहकों के पास फ्रॉड से बचने का अलर्ट मैसेज भेज रहे हैं। इसमें ग्राहकों को बताया जा रहा है कि किसी भी अनजान कॉल करने वाले को बैंक का खाता नंबर, एटीएम नंबर और पिन नंबर, सीवी नंबर आदि की जानकारी न दें।
150 से अधिक एटीएम फ्रॉड
राजधानी रायपुर में पिछले दो साल के भीतर एटीएम फ्रॉड के १५० से अधिक मामले सामने आए हैं। अधिकांश मामले में आरोपी झारखंड के जामताड़ा, देवघर और दिल्ली के रहे हैं। इनमें से पुलिस ने कई आरोपियों को पकड़ा है। इसके बावजूद ठगी के मामले कम नहीं हो रहे हैं।