केरला समाज सुबह से पूजा-अर्चना में जुटेगा और मंदिर की पवित्र 18 सीढ़ियों का दर्शन करेगा। इससे पहले बुधवार को सिख और पंजाबी समाज राजधानी के सभी 22 गुरुद्वारा कमेटियों के ओर से लोहड़ी का जश्न मनाया। शाम को लोहड़ी जलाकर तिल, चावल, मक्का के दाने अग्नि में अर्पित कर परिक्रमा करते हुए सुख-समृद्धि की कामना की।
छत्तीसगढ़ को मिली COVID 19 वैक्सीन की पहली खेप, 16 जनवरी से वैक्सीन अभियान होगा शुरू मकर संक्रांति पर सुबह से महादेवघाट में पुण्य स्नान करने लोग पहुंचेंगे। घर-घर तिल का लड्डू, दही-चूड़ा और खिचड़ी का भोग लगाएंगे। लोग जरूरतमंदों और पुरोहितों को दान दक्षिणा करेंगे। बच्चों की टोलियां पतंगबाजी का लुत्फ उड़ाएंगी। अनेक सामाजिक और स्वयं सेवी संस्थाएं कंम्बल और अन्न दान कर उत्सव मनाने की तैयारियों की है। रविंद्र सेना टीम की ओर से जरूरतमंद बच्चों को पाठ्य सामग्री का वितरण करने का कार्यक्रम तय किया है। समाजसेवी रविंद्र सिंह ने बताया कि खाटू श्याम मंदिर समता कॉलोनी में सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे तक जरूरतमंद परिवारों के स्टॉल लगाया जाएगा।
पांच ग्रही संयोग विशेष फलदायी
महामाया मंदिर के पंडित मनोज शुक्ल के अनुसार मकर मकर संक्रांति पर इस बार पांच ग्रही संयोग बन रहा है। इस दिन मकर राशि में 5 ग्रह एक साथ विराजमान रहेंगे। जैसे सूर्य, शनि, बृहस्पति, बुध और चंद्रमा का गोचर मकर राशि में रहेगा। पवित्र नदियों में स्नान करना चाहिए, यदि ऐसा न कर सकें तो घर में भी गंगाजल मिलाकर स्नान का पुण्य फल मिलता है। वस्त्र और अनाज जरूरतमंदों को दान करना चाहिए।
अपने मोबाइल बंद न रखें, क्योंकि कभी भी आ सकता है कोरोना टीके का SMS, जानिए टीकाकरण से जुडी अहम बातें पुण्यकाल की गणना में काफी अंतर
बोरियाकला स्थित शंकराचार्य आश्रम प्रमुख ब्रह्मचारी इंदुभवानंद महाराज के अनुसार सूर्यदेव पौष शुक्ल प्रतिपदा दिन गुरुवार, श्रवण नक्षत्र, वृष लग्न दोपहर 2 बजकर 46 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश कर रहे हैं। इसलिए पुण्यकाल 4 घंटे का है। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने से देवताओं का दिन यानी उत्तरायण प्रारंभ होता है। मकर संक्रांति का संयोग सुखदायी होगा।
धार्मिक कार्यों में वृद्धि होगी तथा मनुष्यों में हर्ष एवं आनंद होगा। वस्त्र, अन्नदान करना चाहिए। जबकि महामाया मंदिर के पंडित मनोज शुक्ला का कहना है कि स्थानीय देव पंचांग के अनुसार 14 जनवरी को सूर्य का मकर राशि में प्रवेश सुबह 8.13 मिनट पर हो रहा है और शाम 5 बजकर 39 मिनट सूर्यदेव अस्त होंगे। अर्थात मकर संक्रांति का पुण्यकाल 9 घंटे से अधिक समय तक रहेगा।