यूट्यूब से रॉयल्टी का नुकसान
सोशल मीडिया के जरिए टैलेंट की पहचान होने लगी है। आर्टिस्ट का काम अच्छा हो तो लोग सराहते भी हैं। लेकिन यूट्यूब के चलते कलाकरों को रॉयल्टी का नुकसान हुआ है। हालांकि इंडियन परफॉर्मिंग राइट्स सोसायटी (आईपीआरएस ) ने कलाकारों के लिए सोचना शुरू किया और रॉयल्टी दिलाने में आगे आई है। इससे कलाकारों को राहत मिली है।शास्त्रीय संगीत पर टेक्नोलॉजी का यूज
मोहन वीणा में मैंने टेक्नोलॉजी का यूज किया है। पिकअप जो इलेक्ट्रानिक जैसा होता है। इसमें आवाज सीधे एम्पलीफायर में चली जाती है। मैंने अमरीका में एक प्रोग्राम दिया जिसमें 50 हजार दर्शक थे। इतने लोगों तक आवाज को कैसे पहुंचाया जाए। माइक्रोफोन की भी अपनी एक सीमा होती है। पिकअप के जरिए आप साउंड मॉड्यूलेशन भी कर सकते हैं। इसका कंट्रोल बटन मेरे पास ही रहता है। हालांकि यह टेक्नोलॉजी मैं आज से नहीं बल्कि कई सालों से इस्तेमाल कर रहा हूं। कुछ न कुछ अपग्रेड करता रहता हूं। प्रगति का थम जाा अच्छा नहीं होता, क्योंकि उसमें जंग लग जाएगा।ऐसे हुआ समापन
कार्यक्रम के दूसरे व आखिरी दिन पं. भट्ट ने मोहन वीणा की प्रस्तुति दी। जिसे सुनकर दर्शक खो गए। इसके बाद नृत्यश्रीधारा की बालिकाओं ने ओडिसी ग्रुप डांस प्रस्तुत किया। फिर प्रफुल्ल सिंह गहलोत ने कथक पेश किया। आखिर में उमेश निर्मलकर एंड ग्रुप ने पंथी नृत्य की प्रस्तुति दी। अंंत में आयोजिका आर्या नंदे ने सभी का आभार जताया। उन्होंने ओडिसी नृत्य की प्रस्तुति देकर सभी का दिल जीत लिया।