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मंडी बोर्ड घोटाला: नाराज गिरोह के सदस्य ने फोड़ा भांडा, ठगी के पैसों को लेकर पड़ी फूट

locationरायपुरPublished: Jun 30, 2022 04:37:40 pm

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CG Desk

chhघोटाले में लगातार एक के बाद एक नए खुलासे हो रहे है जिससे यह भी समझ आ रहा है की घोटाले में शामिल आरोपियों की संख्या काफी ज्यादा हो सकती है।

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रायपुर। साढ़े 16 करोड़ की ठगी के मामले में पुलिस के हाथ एक बड़ा सुराग लगा है। वह ये की डॉन नाम से ठगी से सम्बंधित पूरी जानकारी देने वाला व्यक्ति कोई और नहीं बल्कि ठगी करने वाले गिरोह का ही एक नाराज सदस्य था। इसलिए नाराज सदस्य ने ही सारे भेद खोलने के लिए बोर्ड के अफसरों को खुद को डॉन सम्बोधित करते हुए 14 जून को मेल किया। यहां तक की उसने मेल में बैंक के कंप्यूटर सिस्टम का फोटो भी अटैच कर दिया जिससे मेल देखने वाला व्यक्ति उसके भेजे गए मेल को हल्के में न ले। इतनी अधिक जानकारी किसी मामले में खुद शामिल रहने वाले व्यक्ति को ही हो सकती है ऐसा पुलिस का मानना है। इसके बाद इसी आरोपी ने अलग अलग नंबर से अधिकारीयों को कॉल में ठगी की जानकारी देना शुरू किया आरम्भ में तो अधिकारीयों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया लेकिन फिर आरोपी द्वारा बार बार कॉल करने पर अधिकारीयों ने इसे गंभीरता से लिया और इस बारे में बैंक के अधिकारीयों से बातचीत की और फिर इस तरह मामला पुलिस तक पंहुचा। अब चूँकि मंडी बोर्ड ने अपना पैसा बैंक से वापस ले लिया था इसलिए ठगी की शिकायत बैंक ने दर्ज की।

इस बीच पुलिस यह भी जानने में जुटी है की चेक में लगी सील असली है या नहीं क्योकि नियमनुसार बोर्ड के चेक में दो अधिकारीयों के हस्ताक्षर का नियम है इसके बाद ही बैंक से पैसे निकले जा सकते है। अब क्योकि कुल 13 चेक द्वारा बैंक से पैसे निकाले गए है तो पुलिस ने यह जानने चेक में हुए दो अधिकारीयों के हस्ताक्षर और सील को जांचने फोरेंसिक लैब भेजा है कि सील व साइन असली है या नकली।

पुलिस ने बैंगलोर में छापा मरकर एक अन्य आरोपी श्रीनिवास राव को गिरफ्तार कर लिया है, आरोपी एनजीओ संचालक है इस आरोपी के कहते में ठगों ने 4. 48 करोड़ जमा किये है, जिसके आधे पैसे अगले ही दिन उसने रायपुर के एक एनजीओ में जमा करा दिए जिसे एक अन्य आरोपी सौरभ मिश्रा की परिचित महिला चलती है। फ़िलहाल महिला की तलाश की जा रही है। शातिरों ने अलग अलग शहरों में संदिग्धों के खाते में ठगी के पैसे जमा कराए है हालाँकि पुलिस उन खाता धारकों तक पहुँच गयी है। इन खातों से भी कई अन्य खातों में पैसे जमा हुए हैं। कुल 13 खातों में ठगी के पैसे जमा किये गए है जिसमे से सिर्फ एक खाताधारक को गिरफ्तार किया गया है। 12 अन्य खाताधारकों की गिरफ़्तारी नहीं हुई है।

इसलिए बैंक द्वारा आरोपी को दिया गया दस्तावेज़
आरोपी को दस्तावेज़ दिए जाने के पीछे एक चिट्ठी है जिसमे आरोपी चंद्रभान सिंह को मंडी बोर्ड कार्यालय का सचिव बताया गया है और इस चिट्ठी में मंडी बोर्ड के दस्तावेज़ देने का ज़िक्र हैं जिसके चलते बैंक अधिकारीयों ने चंद्रभान सिंह को चेकबुक दे दिया। आरोपियों ने मंडी बोर्ड के संपर्क नंबर में अपना नंबर दे दिया था। जबकि बोर्ड के अधोईकारियों का कहना है की उन्होंने ऐसी कोई चिट्ठी जारी नहीं की थी।

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