आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat Yojana) के तहत देश के लगभग 10 करोड़ परिवारों को सालाना 5 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज की सुविधा दी जाती है। छत्तीसगढ़ में इस योजना का लाभ 44 लाख परिवारों को मिल रहा है। ट्रस्ट बनाकर पैनल में अनुबंधित हॉस्पिटल्स के माध्यम से राज्य सरकार लाभार्थियों को सीधे हेल्थकेयर सर्विसेज देगी।
अधिकारियों की माने तो ट्रस्ट बेस्ड मॉडल निश्चित तौर पर सफल साबित होगा। इंश्योरेंस कंपनियां क्लेम को आसानी से प्रोसेस नहीं करती। ट्रस्ट मॉडल में क्लेम का आसानी से सेटलमेंट किया जा सकेगा। इससे हॉस्पिटल संचालक योजना के तहत इलाज देने में आनाकानी भी नहीं करेंगे।
सरकार पर नहीं पड़ेगा अधिक भार
जानकारों की माने तो इंश्योरेंस मोड की जगह ट्रस्ट मॉडल चलाना राज्य सरकार (Chhattisgarh Govt) के लिए अधिक आसान होगा। अब तक राज्य सरकार 50 हजार रुपए के इलाज का लाभ देने के लिए संबंधित बीमा कंपनी को प्रति कार्ड 1100 रुपए का प्रीमियम देती थी।
इसके अलावा आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat Yojana) से इलाज का अधिक क्लेम आने पर उसे सरकार अदा करती थी। ट्रस्ट मोड में सरकार अब सभी कार्डों का क्लेम सीधे पास करेगी। जानकारों का यहां तक कहना है कि इंश्योरेंस कंपनी लाभ होने पर ही अनुबंध के तहत काम करती है। अब वह लाभ भी ट्रस्ट को होगा।
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि, आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat Yojana) का अनुबंध सितंबर 2019 तक है। अक्टूबर महीने से इसे ट्रस्ट बेस्ड मॉडल पर चलाया जाएगा। इसके लिए तैयारी की जा रही है।
सरकार को यह होगा लाभ
1- इंश्योरेंस कंपनी की भूमिका सरकार यानि ट्रस्ट अदा करेगी।
2- इलाज की कीमतें भी ट्रस्ट के माध्यम से ही तय होंगी।
3- राज्य सरकार को हर साल टेंडर नहीं निकालना पड़ेगा।
4- बीमा कंपनी के बीच में काम छोडऩे का डर समाप्त होगा।
5- बीमा कंपनी द्वारा भुगतान रोकने का झंझट भी खत्म होगा।
जनता को यह होगा लाभ
1- इलाज के दर को लेकर होने वाली दिक्कत दूर होंगी।
2- अस्पतालों में योजना के तहत आसानी से मिलेगा इलाज।
3- इलाज की निगरानी सीधे सरकार के हाथ में होगी।
4- अनुबंधित हॉस्पिटलों पर इलाज और सुविधा को लेकर सीधे दबाव बनेगा।
Ayushman Bharat Yojana