‘मोदीकेयर’ के नाम से चर्चित केंद्र की आयुष्मान योजना को भूपेश सरकार छत्तीसगढ़ में बंद करने की तैयारी में है। स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने बहुप्रचारित आयुष्मान योजना को दूषित बताया है।
Ayushman Yojana
रायपुर. ‘मोदीकेयर’ के नाम से चर्चित केंद्र की आयुष्मान योजना को भूपेश सरकार छत्तीसगढ़ में बंद करने की तैयारी में है। स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने बहुप्रचारित आयुष्मान योजना को दूषित बताया है। सिंहदेव ने कहा कि यह अजीब योजना है, जिसमें बीमारी की दवा के लिए एक पैसे की भी व्यवस्था नहीं है, जबकि उसके ऑपरेशन के लिए पैसे का इंतजाम है। उन्होंने कहा कि इस योजना में ऐसी खामी है, जिससे लोगों को इसका फायदा नहीं मिल पा रहा है। स्वास्थ्य मंत्री ने साफ कहा कि वे इस योजना के पक्ष में नहीं हैं।
सिंहदेव ने कहा कि बीमा की सबसे महंगी दर 1100 रुपए है। इसमें 60 प्रतिशत माने 660 रुपए केंद्र सरकार देती है, शेष 440 रुपए राज्य को देना होता है। यानी कि बीमा कंपनी को 100 करोड़ रुपए से अधिक राज्य सरकार दे रही है। लेकिन अस्पतालों को इलाज के एवज में पैसा नहीं मिलता। ऐसे में वह स्मार्टकार्ड से इलाज करने से मना कर देता है। सिंहदेव ने कहा कि इतनी राशि में राज्य सरकार बेहतर व्यवस्था कर सकती है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार आयुष्मान भारत की जगह पर यूनिवर्सल हेल्थकेयर स्कीम लाएगी। इस दिशा में काम शुरू भी कर दिया गया है। पहले चरण में दवाएं और जांच नि:शुल्क होगी। दूसरे चरण में ऑपरेशन को भी शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अधिकारियों की बैठक में इसपर शुरुआती चर्चा हुई है। बजट के लिए मंत्री स्तरीय चर्चा में विस्तृत बात होगी। सिंहदेव ने इशारा किया कि सरकार 2019-20 के बजट में इसे लाने की कोशिश करेगी।
सिकलसेल का इलाज मुफ्त स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने कहा कि प्रदेश में अब सिकलसेल के मरीजों का इलाज मुफ्त होगा। सरकार आने-जाने से लेकर दवा, खून और सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराएगी। उन्होंने कहा कि अभी तक जिला चिकित्सालयों में ही इसके इलाज की व्यवस्था है। हमारी कोशिश है कि सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर इसके इलाज की सुविधा हो। दवाएं सीएचसी से मिलें चलेगा, लेकिन बीमारी की जांच पीएचसी स्तर पर ही होनी चाहिए। स्कूलों में भी जांच होगी।
स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने कहा, जितनी राशि बीमा कंपनियों को, उतने में राज्य सरकार कर सकती है बेहतर इंतजाम।