सरगुजा में मानसून की बेरुखी
दरअसल जुलाई महीने की शुरुआत में राज्य के बस्तर, रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर संभाग में जमकर बारिश हुई. बीजापुर और सुकमा जिले में तो बाढ़ की नौबत आ गई थी. जन जीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ था. 15 दिन की बारिश में जुलाई महीने के कोटे की बारिश हो गई है लेकिन बारिश के लिए सरगुजा संभाग के किसान आज भी इंतजार में हैं. अगर अच्छी बारिश नहीं हुई तो किसानों की फसल खराब हो सकती है.
बलरामपुर में सबसे कम बारिश
मौसम विभाग की तरफ से जारी बारिश के आंकड़ों की बात करें तो एक जून से 28 जुलाई तक राज्य में 546.5 मिमी औसत बारिश दर्ज की जा चुकी है. इस महीने प्रदेश भर में सर्वाधिक बीजापुर जिलें में 1419.6 और बलरामपुर जिले में सबसे कम 190.5 मिमी औसत बारिश दर्ज की गई है.
जिलेवार औसत बारिश के आंकड़े
इसी तरह अन्य जिलों की बात करें तो सरगुजा में 214.6 मिमी, सुरजपुर 285.8 मिमी, जशपुर 271.1 मिमी, कोरिया 312.2 मिमी, रायपुर 368.4 मिमी, बलौदाबाजार 537.1 मिमी, गरियाबंद 633.1 मिमी, महासमुंद 549.6 मिमी, धमतरी 646.2 मिमी, बिलासपुर 600.1 मिमी, मुंगेली 616.4 मिमी, रायगढ़ 506 मिमी, जांजगीर चांपा 652.6 मिमी, कोरबा 430 मिमी, जीपीएम 527.9 मिमी, कबीरधाम 527.4 मिमी, दुर्ग 506.8 मिमी, राजनांदगांव 577.1 मिमी, बालोद 675.8 मिमी, बेमेतरा 375.4 मिमी, बस्तर 696.9 मिमी, कांकेर 728.5 मिमी, दंतेवाड़ा 732.2 मिमी और सुकमा में 540.5 मिमी औसत बारिश दर्ज की गई है.
बना नया सिस्टम, हो सकती है बारिश
मौसम विभाग के मुताबिक अब फिर से नया सिस्टम बन रहा है. जिसके असर से अगले 24 घंटे में बारिश होने संभावना है. बतादें कि मानसून द्रोणीका माध्य समुद्र तल पर फिरोजपुर, रोहतक, मेरठ, गोरखपुर, मुजफ्फरपुर, बालूरघाट, बांग्लादेश के मध्य भाग, अगरतला और उसके बाद पूर्व की ओर उत्तर-पूर्व बंगाल की खाड़ी तक स्थित है. एक ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती घेरा उत्तर-पूर्व उत्तर प्रदेश और उसके आसपास 0.9 किलोमीटर से 1.5 किलोमीटर ऊंचाई तक स्थित है. एक चक्रीय चक्रवाती घेरा दक्षिण-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर 0.9 किलोमीटर से 3.1 किलोमीटर ऊंचाई तक स्थित है. इसके असर से कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने अथवा गरज चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है.