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भूपेश सरकार में 30 हजार अधिकारियों और कर्मचारियों की छीन जाएगी नौकरी, जारी हुआ ये आदेश

locationरायपुरPublished: Jan 12, 2019 12:52:53 pm

Submitted by:

Ashish Gupta

पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के समय सरकारी विभागों, स्वशासी संस्थाओं और निगम-मंडलों में संविदा नियुक्ति के जरिए अब तक चांदी काटने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर गाज गिरना तय हो गया है।

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रायपुर. पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के समय सरकारी विभागों, स्वशासी संस्थाओं और निगम-मंडलों में संविदा नियुक्ति के जरिए अब तक चांदी काटने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर गाज गिरना तय हो गया है।

नई सरकार के निर्देश के बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागों को पत्र जारी कर संविदा कर्मचारियों की आवश्यकता का आंकलन करने को कहा है। इसके लिए विभाग को 15 दिन का समय दिया गया है। इस आदेश से प्रदेश के विभिन्न विभागों और निगम-मंडलों में कार्यरत लगभग 30 हजार अधिकारियों-कर्मचारियों पर असर पड़ सकता है।
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सामान्य विभाग की प्रमुख सचिव ऋचा शर्मा ने स्पष्ट कर दिया है कि जिन विभागों में संविदा अधिकारियों और कर्मचारियों की आवश्यकता नहीं है, उन्हें तत्काल हटाया जाए। इन संविदा कर्मचारियों को उनकी नियुक्ति की शर्तों के मुताबिक पूर्व सूचना देकर या वेतन भुगतान कर सेवाएं समाप्त की जा सकती है।

सीधी भर्ती की तैयारी
अधिकारियों-कर्मचारियों को संविदा से हटाने के बाद उनकी जगह सीधी भर्ती करने की तैयारी है। आवश्यकता अनुसार इन पदों को पदोन्नति से भी भरा जा सकता है। इसके लिए सामान्य विभाग ने सभी विभागों को आवश्यकत निर्देश दिए हैं।

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ज्यादातर भर्ती कम्प्यूटर ऑपरेटरों की
ऐसे बहुत कम विभाग है, जहां संविदा पर अफसरों की नियुक्ति की गई है। संख्या नाममात्र है। अधिकांश सरकारी विभागों में वर्ग तीन और कम्प्यूटर ऑपरेटरों के काम की पूर्ति के लिए संविदा नियुक्ति की गई है। फैसले का सबसे ज्यादा असर निचले स्तर के कर्मचारियों पर पड़ेगा।

जानकारों का यह भी कहना है कि पूर्ववर्ती सरकार ने बजट के अभाव में काम चलाने के लिए संविदा भर्ती की थी। यदि इन पदों के विरुद्ध नियमित भर्ती की जाती है, तो भर्ती प्रक्रिया में काफी लंबा समय लगेगा और सरकार पर आर्थिकभार भी बढ़ेगा।
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