भीषण गर्मी से बेहाल लोगों को है प्री मानसूनी बारिश का बेसब्री से इंतजार
प्रदेश में मानसून के एक- दो दिनों में आगमन के संकेत के साथ ही साथ अब प्री मानसूनी बारिश का भी लोगों को इंतजार है, ताकि मानसून पूर्व बारिश होने से भीषण गर्मी तथा लू से राहत मिल सके। नगर समेत आसपास के पूरे इलाकों में बीते दिनों की तुलना में शनिवार-रविवार को धूप कम होने तथा बदली छाए रहने की वजह से दो -तीन डिग्री तापमान कम रहा, जिससे लोगों को भीषण गर्मी से मामूली राहत रही।
रायपुर
Published: June 14, 2022 04:52:37 pm
बलौदाबाजार। प्रदेश में मानसून के एक- दो दिनों में आगमन के संकेत के साथ ही साथ अब प्री मानसूनी बारिश का भी लोगों को इंतजार है, ताकि मानसून पूर्व बारिश होने से भीषण गर्मी तथा लू से राहत मिल सके। नगर समेत आसपास के पूरे इलाकों में बीते दिनों की तुलना में शनिवार-रविवार को धूप कम होने तथा बदली छाए रहने की वजह से दो -तीन डिग्री तापमान कम रहा, जिससे लोगों को भीषण गर्मी से मामूली राहत रही।
विदित हो कि प्रदेश के मौसम विभाग द्वारा इस वर्ष 12-15 जून तक मानसून की दस्तक की जानकारी दी गई थी। बीते तीन चार सालों में जून के पहले सप्ताह तक ही एक-दो बार प्री मानसून की बारिश हो जाती थी, परंतु इस वर्ष जून का दूसरा सप्ताह प्रारंभ होने के बाद भी लोगों का प्री मानसून का इंतजार खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। मौसम विभाग द्वारा मंगलवार तथा बुधवार को गरज के साथ प्री मानसून के संकेत दिए जा रहे हैं, जिसका रविवार को पूरे क्षेत्र में असर नजर आया। नगर समेत पूरे इलाके में रविवार को बदली छाई रही। बदली छाए रहने की वजह से बीते पखवाड़ेभर से 43-45 डिग्री के बीच चल रहे तापमान में दो से तीन डिग्री की कमी रही। रविवार को जिला मुख्यालय बलौदा बाजार का तापमान 41 डिग्री रहा। रविवार तथा सोमवार सायं ठंडी हवा चलने से भी लोगों ने घरों के आसपास तथा छत, बगीचों में जाकर बदलते मौसम का आनंद लिया।
प्री मानसून की विशेषताएं
प्री मानसून बारिश की खासियत गर्मी और आद्र्रता के हालात होते हैं। यह असहज स्थिति दिन और रात पूरे समय रहती है, लेकिन तेज हवा गर्मी से कुछ सुकून दे जाती है। लेकिन मानसून में हवा और लंबे समय तक बारिश से तापामान में गिरावट देखने को मिल जाती है। इसके अलावा बादल और उनके बहाव में भी खासा अंतर देखने को मिलता है। प्री मानसून के बादल ऊपर की ओर जाते हैं और प्राय: शाम को ही बरसते हैं। मानसून तथा प्री मानसून के बादलों का भी विशेष अंतर होता है। जहां प्री मानसून के बादल ऊपर की ओर जाते हैं और अधिक तापमान पर बनते हैं, वहीं मानसून के बादल परतों वाले बादल होते हैं। एक स्थान से दूसरे स्थान तक लंबी दूरी तक जाते हैं। इन परतों में नमी की मात्रा ज्यादा होती है। प्री मानसून की बारिश तेज और तीखी होती है, जो एक-दो दिन में ही खत्म हो जाती है। वहीं, मानसून बारिश की पारी लंबी होती है और यह बारिश बार-बार भी होती है। दोनों ही तरह की बारिश एक साथ देखने को नहीं मिलती है। मानसून की बारिश दिन में किसी भी समय आ सकती है, लेकिन प्रीमानसून बारिश दोपहर के बाद या शाम को ही आती है। इसके अलावा दोनों बारिशों में हवा का भी अंतर होता है। प्री मानसून बारिश झोंकेदार हवा के कारण धूल वाली तूफानी बारिश होती है। प्री मानसून बारिश जिसे कही जाती है वह केवल एक सीमित क्षेत्र में ही स्थानीय बारिश की तरह होती हैं, लेकिन मानसून की बारिश बहुत बड़े इलाके को घेरती हैं और इस दौरान पूरे इलाके में ही एक सा मौसम होता है। कृषि प्रधान देश होने के कारण भारत के लोग मानसून की बारिश का ज्यादा इंतजार करते हैं, क्योंकि अलगे साल की पूरी अर्थव्यवस्था मानसून की बारिश के कोटा पूरा होने या ना होने पर निर्भर करती है।

भीषण गर्मी से बेहाल लोगों को है प्री मानसूनी बारिश का बेसब्री से इंतजार
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