प्रैक्टिस के लिए सुबह 5.30 से भागमभाग प्राइवेट बिजनेस के जुड़े उसके पिता को ईशान की शुरुआती प्रैक्टिस के लिए दिन में तीन बार मैदान की दौड़ लगाना पड़ता था। 7 साल की उम्र में ईशान की सुबह 5.30 बजे से ही प्रैक्टिस शुरू हो जाती थी। रायपुर केे सप्रे शाला बैडमिंटन हॉल में प्रशिक्षक कविता दीक्षित और पवन मलिक उसे खेल की शुरुआती बारीकियां सिखाई। पिता अजय भटनागर को अपना काम छोड़कर पहले सुबह 5.30 बजे, फिर 10 बजे और शाम को 2-2 घंटे अभ्यास के लिए प्रतिदिन मैदान लाना पड़ता था।
सरकार से नहीं मिल सपोर्ट
ईशान भटनागर के पिता कई बार सरकार से आर्थिक मदद की गुहार लगाई, जिससे उसके अंतराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में आने-जाने का खर्च में कुछ मदद मिल सके। लेकिन कई बार आवेदन के बाद भी सरकार की ओर से ध्यान नहीं दिया गया और उन्हें कर्ज लेने के लिए मजबूर होना पड़ा।
ईशान भटनागर के पिता कई बार सरकार से आर्थिक मदद की गुहार लगाई, जिससे उसके अंतराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में आने-जाने का खर्च में कुछ मदद मिल सके। लेकिन कई बार आवेदन के बाद भी सरकार की ओर से ध्यान नहीं दिया गया और उन्हें कर्ज लेने के लिए मजबूर होना पड़ा।
2014 से गोपीचंद अकादमी में ले रहे प्रशिक्षण
आर्थिक परेशानियों के बावजूद उसके पिता ने उसे उच्चस्तरीय प्रशिक्षण के लिए वर्ष 2014 में ईशान को गोपीचंद अकादमी भेजा, जहां उसके खेल प्रतिभा का तराशा गया। पिछले पांच सालों से ईशान मिश्रित युगल में तनिषा के साथ जोड़ी बनाकर खेल रहे हैं और कई पदक जीत चुके।
आर्थिक परेशानियों के बावजूद उसके पिता ने उसे उच्चस्तरीय प्रशिक्षण के लिए वर्ष 2014 में ईशान को गोपीचंद अकादमी भेजा, जहां उसके खेल प्रतिभा का तराशा गया। पिछले पांच सालों से ईशान मिश्रित युगल में तनिषा के साथ जोड़ी बनाकर खेल रहे हैं और कई पदक जीत चुके।
जूनियर टॉप्स खेलों इंडिया स्कीम में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2019 में ईशान ने कांस्य पदक जीता था, जिसके कारण उसका चयन जूनियर टॉप्स खेलो इंडिया स्कीम (ओलंपिक पोडियम स्कीम) में किया गया। इस योजना के तहत उसके प्रशिक्षण का पूरा खर्च सरकार उठाती है। कोरोनाकाल में ईशान की एयर इंडिया की नौकरी भी छूट गई।
2021 में जीते पांच इंटरनेशनल पदक कोरोनाकाल के बीच ईशान ने कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा और मिश्रित युगल व युगल में पांच पदक जीतने में सफल रहे, जिसमें मिश्रित युगल में 3 पदक एक स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य पदक शामिल हैं। वहीं, पुुरुष युगल में एक स्वर्ण व एक रजत पदक जीते हैं। इसके अलावा वर्ष 2018 से 20 तक सीनियर व जूनियर स्तर के राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में 24 पदक जीते हैं, जिसमें 9 स्वर्ण पदक शामिल हैं।