जिला प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार रायपुर के आउटर और अभनपुर-आरंग के इलाकों के कुछ गांवों की जमीन भारतमाला राष्ट्रीय राजमार्ग प्रोजेक्ट में आ रही है। यहां की जमीनों का अधिग्रहण प्रोजेक्ट 53 के लिए होना है, जिसकी प्रक्रिया जल्द शुरू होने को है। जिसके बाद रायपुर कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर भूरे ने जिले के 19 गांवों की जमीनों के सौदे पर बैन लगा दिया है। इसके साथ ही कलेक्टर ने अभनपुर और आरंग अनुभाग के राजस्व अधिकारियों को इसके लिए तत्काल कार्रवाई शुरू करने के निर्देंश भी दिए है।
दरअसल भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत मुंबई-कोलकाता इकोनॉमिक कॉरिडोर सड़क अंतर्गत दुर्ग-रायपुर बाइपास सड़क का निर्माण होना है। इसके अंतर्गत चार और छह लेन की छत्तीसगढ़ में कुल 92.230 कि.मी. लम्बाई की सड़क बनाई जाएगी। सड़क राजनांदगांव जिले के टेडेसरा गांव से शुरू होकर रायपुर जिले के पारागांव तक होगी। जानकारी के अनुसार रायपुर जिले में सड़क की कुल लम्बाई 48.73 कि.मी. होगी। इस सड़क में अभनपुर अनुभाग के 17 और आरंग संभाग के 2 गांवों की भूमि का अर्जन किए जाना प्रस्तावित है।
मंगलवार को जिला प्रशासन ने इस विषय में आदेश भी जारी कर दिया है। जिसके अनुसार अब इन गांवों में जहां-जहां से भातरमाला प्रोजेक्ट के तहत बनने वाली सड़क गुजरेगी, वहां की जमीन की नाप-झोंक होगी। देखा जाएगा कि किन-किन ग्रामीणों की कितनी-कितनी जमीन सड़क के रास्ते में आ रही है। सड़क के रास्ते की जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। फिर जिन ग्रामीणों की जितनी भी जमीन सड़क के दायरे में आएगी, उस हिसाब से उनका मुआवजा तय किया जाएगा। रायपुर कलेक्टर ने दोनों एसडीएम को नई सड़क के लिए जमीन की आवश्यकता अनुसार डिटेल रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
उक्त रिपोर्ट में एसडीएम सड़क के दायरे में आने वाली ज़मीन के मालिकों के खसरा नंबर, रकबा आदि के डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट में दर्ज करेंगे। रिपोर्ट तैयार होने के बाद ही जमीन खरीदी की जाएगी। इसके लिए जल्द ही अधिसूचना जारी होगी। अफसरों ने बताया की इस प्रक्रिया के साथ ही भारतमाला प्रोजेक्ट नेशनल हाईवे 53 के लिए अधिग्रहण की शुरुआत होगी।