scriptकोरोना काल में नहीं निकलेगी मां दुर्गा की विसर्जन झांकियां, गरबा-डांडिया और जगराता पर भी रोक | Ban on Maa Durga Visarjan, Garba, Dandiya during Coronavirus Epidemic | Patrika News

कोरोना काल में नहीं निकलेगी मां दुर्गा की विसर्जन झांकियां, गरबा-डांडिया और जगराता पर भी रोक

locationरायपुरPublished: Sep 23, 2020 11:05:42 am

Submitted by:

Ashish Gupta

कोरोना संकट (Coronavirus Epidemic) के कारण पहली बार दुर्गा पूजा उत्सव (Durg Puja Utsav) के दौरान शेरावाली भक्तों को घर में ही पूजा-आराधना करनी होगी, क्योंकि शहर में कहीं भी बड़ी झांकियों में मां दुर्गा अनेक रूपों में नहीं विराजेंगी और न ही कहीं रास गरबा, डांडिया और जगराता, भोग भंडारे का आयोजन होगा।

Durga Maa

Durga Maa

रायपुर. कोरोना संकट (Coronavirus Epidemic) के कारण पहली बार दुर्गा पूजा उत्सव (Durg Puja Utsav) के दौरान शेरावाली भक्तों को घर में ही पूजा-आराधना करनी होगी, क्योंकि शहर में कहीं भी बड़ी झांकियों में मां दुर्गा अनेक रूपों में नहीं विराजेंगी और न ही कहीं रास गरबा, डांडिया और जगराता, भोग भंडारे का आयोजन होगा। केवल दुर्गा उत्सव समितियां पूजा परंपरा की रस्में ही पूरी करेंगी। इसी तरह का निर्णय 78 साल पुरानी बंगाली कालीबाड़ी दुर्गा पूजा समिति ने लिया है। लेकिन, कलेक्टर की गाइडलाइन जारी हो जाने पर अब मूर्तिकार तय शर्तों के अनुरूप 6 फीट की मूर्तियों को अंतिम रूप देने में जुटेंगे।
दुर्गा पूजा उत्सव का सभी को इंतजार रहता है, क्योंकि यह ऐसा पर्व होता है, जिसमें 3 से 4 हजार लोगों को काम मिलता था। बाजारों में भी महीनेभर पहले से रौनक बढ़ जाती थी। लेकिन, कोरोना के कारण सादगी के साथ ही पूजा उत्सव का पर्व 17 अक्टूबर से प्रारंभ होगा, लेकिन अभी उत्सव का माहौल नहीं है।
बल्कि कोरोना की वजह से जिला प्रशासन ने इतनी सख्त गाइडलाइन जारी की है कि किसी भी दुर्गा उत्सव समितियों के पास 3000 वर्गफीट खुली जगह नहीं है। न तो गंजपारा, रामसागरपारा, राठौर चौक, नयापारा, गोलबाजार हनुमान मंदिर के पास। जबकि इन्हीं स्थानों पर बड़ी झांकियां बना करती थीं। लेकिन, छोटे पंडाल में पूजा की रस्में होंगी।

महलनुमा झांकी उत्सव भी कोलकाता की तरह
मातारानी के भक्त सड़कों के किनारे, मोहल्ले-कॉलोनियों में उत्साह के साथ दुर्गा पूजा उत्सव मनाते थे। वहीं बंगाली कालीबाड़ी में तो कोलकाता के तर्ज पर दुर्गा पूजा उत्सव होता था, लेकिन इस बार नहीं होगा। केवल पूजा की रस्में होंगी। गाइडलाइन में समितियां मां दुर्गा की मूर्तियां लाने और विसर्जन के दौरान डीजे, बैंडबाजा का उपयोग नहीं कर पाएंगी और न ही विसर्जन झांकी निकाल पाएंगी, क्योंकि इस पर सख्त पाबंदी लगी हुई है।

अब करेंगे रंग-रोगन, पंजीयन का इंतजार
नवा रायपुर निमोरा के प्रसिद्ध मूर्तिकार पीलूराम साहू के अनुसार गाइडलाइन के अनुसार दुर्गा की मूर्तियों को अंतिम रूप देंगे। जहां अभी तक 30 से 35 मूर्तियां बन जाया करती थीं, वहां केवल 10 से 12 मूर्तियां ही बनी है, जिसे आकर्षक रंग-रोगन का काम शुरू करेंगे। लेकिन समितियां अभी पंजीयन कराने के लिए आगे नहीं आईं। इसलिए मूर्तियां बिकने को लेकर चिंता बनी हुई है।

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