महलनुमा झांकी उत्सव भी कोलकाता की तरह
मातारानी के भक्त सड़कों के किनारे, मोहल्ले-कॉलोनियों में उत्साह के साथ दुर्गा पूजा उत्सव मनाते थे। वहीं बंगाली कालीबाड़ी में तो कोलकाता के तर्ज पर दुर्गा पूजा उत्सव होता था, लेकिन इस बार नहीं होगा। केवल पूजा की रस्में होंगी। गाइडलाइन में समितियां मां दुर्गा की मूर्तियां लाने और विसर्जन के दौरान डीजे, बैंडबाजा का उपयोग नहीं कर पाएंगी और न ही विसर्जन झांकी निकाल पाएंगी, क्योंकि इस पर सख्त पाबंदी लगी हुई है।
अब करेंगे रंग-रोगन, पंजीयन का इंतजार
नवा रायपुर निमोरा के प्रसिद्ध मूर्तिकार पीलूराम साहू के अनुसार गाइडलाइन के अनुसार दुर्गा की मूर्तियों को अंतिम रूप देंगे। जहां अभी तक 30 से 35 मूर्तियां बन जाया करती थीं, वहां केवल 10 से 12 मूर्तियां ही बनी है, जिसे आकर्षक रंग-रोगन का काम शुरू करेंगे। लेकिन समितियां अभी पंजीयन कराने के लिए आगे नहीं आईं। इसलिए मूर्तियां बिकने को लेकर चिंता बनी हुई है।