सबसे पुराना तरीका
बैंक अधिकारी-कर्मचारी बनकर ऑनलाइन ठगी करना साइबर ठगी का सबसे पुराना तरीका है। पहले एटीएम कार्ड ब्लॉक होने, केवायसी करने, वैधता खत्म होने आदि के नाम पर ठग लोगों के उलझाते थे। अब क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने, उसे बंद कराने, ऑनलाइन कर्ज देने, केवासयी के नाम पर ठगा जा रहा है।
केस-1
सुंदरनगर निवासी निधि अग्रवाल के पास 30 अक्टूबर को एक व्यक्ति ने कॉल किया और बताया कि वह एसबीआई बैंक से बोल रहा है और क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने का ऑफर दिया। इस दौरान झांसा देकर उसने एक इंटरनेट लिंक भेजा, जिसमें क्लिक करते ही युवती के बैंक खाते से 70 हजार रुपए पार हो गए।
केस-2
17 जून को अभनपुर के बिजली विभाग के रिटायर्ड अधिकारी अशोक कुमार साहू को बैंक अधिकारी बनकर साइबर ठग ने फोन किया और उनके बेटे की कोरोना से मौत होने पर मुआवजे की राशि उनके बैंक खाता में ट्रांसफर करने का झांसा देकर अलग-अलग दिन 63 लाख रुपए ठग लिया था।
अब तक मिली शिकायतें
तरीका -शिकायतें
बैंक अधिकारी बनकर -208
इंटरनेट बैंकिंग के जरिए -140
ईवॉलेट के जरिए -144
रकम डिपाजिट करने के नाम पर -35
ऐसे बच सकते हैं ठगी से
-बैंक में जाकर ही काम करने को प्राथमिकता दें।
-बैंक अधिकारी बनकर फोन करने वालों को बैंक खाता नंबर, क्रेडिट-डेबिट कार्ड के पासवर्ड, पिन नंबर, सीवीवी नंबर आदि गोपनीय जानकारी न दें।
-बैंक खाता नंबर, क्रेडिट-डेबिट कार्ड की केवायसी या अपडेट बैंक के ब्रांच में जाकर ही कराएं।
-अनजान व्यक्ति द्वारा भेजे गए इंटरनेट लिंक को खोलकर उसमें अपने बैंक खाता, क्रेडिट कार्ड, यूपीआई आदि से जुड़ी जानकारी न भरें।
-इंटरनेट बैंकिंग या ऑनलाइन भुगतान करते समय बैंकिंग संस्थान के अधिकृत और तकनीकी रूप से सुरक्षित वेबसाइटों का ही उपयोग करें।
-फोन करके क्रेडिट कार्ड बंद-चालू करने या लिमिट बढ़ाने वालों से सावधान रहें। फोन पर किसी तरह की जानकारी शेयर न करें।