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खरीदी पूरा होने से पहले ही खत्म हुआ बारदाना, कोण्डागांव-कवर्धा में किसानों ने रास्ता रोका

locationरायपुरPublished: Feb 17, 2020 11:56:25 pm

Submitted by:

Mithilesh Mishra

– चार-चार घंटे तक बाधित रहा यातायात, प्रबंधक को बंधक भी बनाया- प्रदेश भर में खरीदी केंंद्रों पर हंगामा, प्रदर्शन, समय-सीमा बढ़ाने की मांग

खरीदी पूरा होने से पहले ही खत्म हुआ बारदाना, कोण्डागांव-कवर्धा में किसानों ने रास्ता रोका

खरीदी पूरा होने से पहले ही खत्म हुआ बारदाना, कोण्डागांव-कवर्धा में किसानों ने रास्ता रोका

रायपुर। धान की सरकारी खरीदी की समय-सीमा खत्म होने में केवल तीन दिन बचा है। इस बीच कई समितियों में बारदाना खत्म हो चुका है। कई दिनों से खरीदी रुकने से नाराज किसानों ने सोमवार को प्रदेश भर में विरोध किए। कोण्डागांव और कबीरधाम जिलों में किसानों ने चक्काजाम कर मुख्य सड़क का यातायात 4 घंटे तक रोक दिया। कवर्धा के कुसुमघटा-खड़ौदा के किसानों ने समिति प्रबंधक को ताले में बंद कर दिया। वहीं कांकेर के सरोना लैम्पस में बारदानों की कमी से धान बेचने आए किसान आपस में ही विवाद कर बैठे। इसकी वजह से सोमवार को यहां एक बोरा धान भी नहीं खरीदा जा सका।
कोण्डागांव के सैकड़ों किसानों ने किसान संघ के नेतृत्व में बहीगांव के पीपरा तिराहे पर राष्ट्रीय राजमार्ग-30 पर जाम लगा दिया। प्रदर्शनकारियों ने स्कूली बसों और एंबूलेंस को तो जाने दिया लेकिन यात्री बसों और मालवाहकों को पूरी तरह रोक दिया। इसकी वजह से सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई। किसानों की नाराजगी को देखते हुए प्रशासन ने वहां भारी पुलिस बंदोबस्त किया था। स्थानीय अधिकारी उन्हें समझाने की कोशिश करते रहे। शाम 5.30 बजे एसडीएम डीडी मंडावी के लिखित आश्वासन के बाद किसानों ने रातभर के लिए चक्काजाम को स्थगित किया।
कवर्धा में किसानों ने पांच अलग-अलग स्थानों पर चक्काजाम कियां कवर्धा-मुंगेली मार्ग के पलानसरी चौराहे पर किसान सुबह से धरना देने बैठ गए। कवर्धा-राजनांदगांव मार्ग पर सहसपुर-लोहारा में भी चक्काजाम कर दिया। इसकी वजह से वहां वाहनों की लंबी कतार लग गई। करीब चार घंटे बाद पंडरिया एसडीएम ने किसानों से बातचीत कर मामला शांत कराया। बैजलपुर में भी किसानों ने चक्काजाम किया। वहीं तरेगांव के किसान बोडला तहसील कार्यालय का घेराव करने पहुंच गए। एसडीएम से आश्वासन मिलने के बाद किसान माने। बीजापुर के गंगालुर में भी बारदाना नहीं होने की वजह से खरीदी 4 फरवरी से बंद है। किसानों ने सोमवार को चेतावनी देते हुए कहा, अगर उनका धान नहीं खरीदा गया तो वे खरीदा हुआ धान उठाने नहीं देंगे। 15 दिसम्बर से शुरू हुई धान की खरीदी 15 फरवरी तक चलनी थी। मौसम का हवाला देकर सरकार ने इसे 20 फरवरी तक बढ़ाया है। लेकिन केंद्रों से धान का उठाव नहीं होने और बारदाने की कमी की वजह से दिक्कतें बढ़ गई हैं। कई केंद्रों में खरीदी बंद है। इसकी वजह से किसानों में घबराहट बढ़ रही है। कोण्डागांव में किसान संघ के अध्यक्ष कोमल सिन्हा का कहना है, खरीदी केंद्रो में बारदाना नहीं होने से कई दिनों से केंद्रों में ताला लगा है। किसान अपनी उपज बेचने से वंचित हुए हैं। खरीदी केंद्रों में आज भी बारदाना नहीं है। इससे किसान नाराज है। उपाध्यक्ष मनीराम मंडावी का कहना है, खरीदी की शुरुआत से ही दिक्कतें हैं। हम लोगों ने कई दफे किसानों की समस्याओं की जानकारी अधिकारियों को दी, लेकिन किसी ने सुनी नहीं। किसान गारे मरकाम ने कहा, हम धान नहीं बेचेगें तो हमारा कर्ज कैसे चुकता होगा। धान खरीदी की समय-सीमा में बढ़ोत्तरी करना चाहिए। भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष पूनम चंद्राकर ने कहा, खरीदी के पुख्ता इंतजामात के सरकारी दावों का सच यह है कि अभी भी लाखों टन धान जाम है। इसके चलते किसान अपना धान बेच नहीं पा रहे हैं। सरकार बारदानों के समयबद्घ आपूर्ति की कोई व्यवस्था नहीं बना पाई है। प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने इस वर्ष किसानों को जितना जलील और परेशान किया है, उससे प्रदेश के किसान व्यथित हैं। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और कोण्डागांव विधायक मोहन मरकाम अभी भी किसानों का पूरा धान खरीदने का भरोसा दे रहे हैं। मरकाम ने कहा, हम प्रयास कर रहे कि, जिन पंजीकृत किसानों ने अपनी उपज नहीं बेची है। उनकी उपज शेष बचे तीन दिनों में खरीद लिया जाए। किसानों का विरोध कुछ हद तक जायज भी है, उन्हें ऐसा लग रहा है कि, हमारी उपज नहीं बिक पाएगी, लेकिन हम सभी का धान खरीदेगें।
आमरण अनशन पर बैठा किसान
धान बेचने के लिए तीसरा टोकन नहीं मिलने से नाराज महासमुंद के बागबाहरा क्षेत्र का एक किसान मोइनुददीन तहसील कार्यालय में आमरण अनशन पर बैठ गया है। उसके साथ कुछ और किसान है। किसान के मुताबिक उसको 184 क्विंटल धान बेचने की पात्रता है। अभी तक वह मात्र 88 क्विंटल धान ही बेच पाया है। देर शाम बागबाहरा के एसडीएम जगतप्रसाद जायसवाल ने बताया, तकनीकी वजहों से टोकन जारी नहीं हो पा रहा था। अब उसका टोकन जारी कर दिया गया है। इसके बाद किसान भी मान गया है।
आवेदन देकर मांगी आत्महत्या की इजाजत
महासमुंद के ही कल्याणपुर के किसान देवनारायण ने जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के नोडल अधिकारी और बागबाहरा तहसील में बाकायदा आवेदन देकर आत्महत्या की अनुमति मांगी है। उसका कहना है खोपली समिति में उसका पंजीयन नहीं किया गया है। इसकी वजह से वह अपना धान नहीं बेच पाया। 18 फरवरी तक धान बेचने की अनुमति नहीं मिली तो वह तहसील कार्यालय के सामने आत्महत्या कर लेगा। देवनारायण परिवार के साथ धरने पर बैठे हैं।
मंगलवार से धरने पर बैठेंगे विधायक ननकीराम
धान खरीदी में अव्यवस्थाओं से नाराज पूर्व गृहमंत्री और रामपुर से भाजपा विधायक ननकीराम कंवर ने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कंवर ने 18 फरवरी से अनिश्तिकालीन धरना प्रदर्शन और चक्काजाम की घोषणा की है। उन्होंने पुलिस अधीक्षक को इसकी सूचना भी भेज दी है।
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