एंबुलेंस लेकर पहुंच गई टीम
वहीं, पति के कॉल पर 102 नंबर से ईएमटी और पायलट मोहनबेड़ा गांव के लिए रवाना हो गए। यहां पहुंचने के बाद रास्ता इतना खराब था कि गांव तक जाना संभव नहीं था। उसके बाद स्वास्थ्यकर्मी पैदल ही गांव में पहुंच गए। वहां ग्रामीणों की मदद से स्वास्थ्यकर्मियों ने टोकरी और रस्सियों की मदद से डोला बनाया और उसे एक बल्ले में लटका दिया।
3 किलोमीटर पैदल चले
डोला तैयार होने के बाद स्वास्थकर्मियों ने गर्भवती महिला को उसी में बैठाया। उसके बाद कंधे पर दोनों स्वास्थ्यकर्मी महिला को लेकर एंबुलेंस के पास जाने लगे। उबड़-खाबड़ रास्तों के जरिए स्वास्थ्यकर्मियों ने 3 किलोमीटर की दूरी पैदल ही तय किया। उसके बाद महिला को लेकर अस्पताल गए। सरकारी अस्पताल में महिला की डिलीवरी करवाई गई है। जहां उसने बच्ची को जन्म दिया है। अब दोनों स्वस्थ हैं।