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गांव तक नहीं पहुंच सकती थी एंबुलेंस, गर्भवती महिला को 3KM पैदल चलकर स्वास्थ्यकर्मियों ने पहुंचाया अस्पताल

locationरायपुरPublished: Jul 08, 2020 07:46:18 pm

Submitted by:

bhemendra yadav

आइपीएस दीपांशु काबरा ने शेयर किया वीडियो

गांव तक नहीं पहुंच सकती थी एंबुलेंस, गर्भवती महिला को 3KM पैदल चलकर स्वास्थ्यकर्मियों ने पहुंचाया अस्पताल

गांव तक नहीं पहुंच सकती थी एंबुलेंस, गर्भवती महिला को 3KM पैदल चलकर स्वास्थ्यकर्मियों ने पहुंचाया अस्पताल

कोंडागांव. छत्तीसगढ़ के कई गांव आज भी बुनियादी सुविधाओं से महरूम हैं। गांवों तक जाने के लिए सड़क तक नहीं है। छत्तीसगढ़ के कोंडागांव से एक ऐसा ही वीडियो सामने आया है, जहां गर्भवती महिला को बास्केट में बैठाकर स्वास्थ्यकर्मी 3 किलोमीटर दूर अस्पताल ले गए। जहां महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया है। स्वास्थ्य कर्मियों के इस जज्बे को लोग सलाम कर रहे हैं।
दरअसल, यह वीडियो माकड़ी ब्लॉक के मोहनबेड़ा गांव की है। सड़क नहीं होने की वजह से इस गांव में कोई गाड़ी नहीं पहुंच सकती है। गांव तक लोग पैदल ही जाते हैं। अगर किसी तबीयत बिगड़ जाए, तो भगवान ही मालिक होते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा शुरू हुआ। उसके बाद पति ने महतारी एक्सप्रेस को फोन किया।

एंबुलेंस लेकर पहुंच गई टीम
वहीं, पति के कॉल पर 102 नंबर से ईएमटी और पायलट मोहनबेड़ा गांव के लिए रवाना हो गए। यहां पहुंचने के बाद रास्ता इतना खराब था कि गांव तक जाना संभव नहीं था। उसके बाद स्वास्थ्यकर्मी पैदल ही गांव में पहुंच गए। वहां ग्रामीणों की मदद से स्वास्थ्यकर्मियों ने टोकरी और रस्सियों की मदद से डोला बनाया और उसे एक बल्ले में लटका दिया।

3 किलोमीटर पैदल चले
डोला तैयार होने के बाद स्वास्थकर्मियों ने गर्भवती महिला को उसी में बैठाया। उसके बाद कंधे पर दोनों स्वास्थ्यकर्मी महिला को लेकर एंबुलेंस के पास जाने लगे। उबड़-खाबड़ रास्तों के जरिए स्वास्थ्यकर्मियों ने 3 किलोमीटर की दूरी पैदल ही तय किया। उसके बाद महिला को लेकर अस्पताल गए। सरकारी अस्पताल में महिला की डिलीवरी करवाई गई है। जहां उसने बच्ची को जन्म दिया है। अब दोनों स्वस्थ हैं।

वहीं, वीडियो सामने आने के बाद कोंडागांव के सीएमएचओ ने टीआर कंवर ने कहा कि परिवार ने 102 एंबुलेंस को फोन किया था लेकिन वह वहां तक नहीं पहुंच सकी। यह एक सुदूरवर्ती क्षेत्र है। सड़क न होने के कारण गाड़ी वहां तक नहीं पहुंच सकती है। जिला अस्पताल में प्रसव कराया गया है। मां और बच्ची सुरक्षित है।
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