जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. श्यामसुंदर टेकाम ने बताया कि अब तक संभाग के सातों जिले में करीब तीन लाख 200 लोगों की जांच की गई है, जिसमें लगभग 9763 लोग पॉजिटिव मिले है। इस प्रकार अभियान का पहला चरण जो कि 15 जनवरी से 15 फरवरी तक चला था। इस दौरान संभाग में 14 लाख लोगों की जांच की गई थी, जिसमें 6421 मलेरिया पॉजिटिव पाए गए थे। इस दौरान मलेरिया पॉजिटिव पाए गए थे तथा बुखार से पीडि़त 64 हजार 646 लोगों का मौके पर ही इलाज किया गया था।
15 वर्ष से कम 40 फीसद बच्चे मलेरिया से पीडि़त
जांच दल के मुताबिक इस अभियान के दौरान की गई जांच में सबसे ज्यादा बच्चे मलेरिया पॉजिटिव मिल रहे हैं। जांच के दौरान मिले मरीजों में 40 प्रतिशत बच्चे इस बीमारी से पीडि़त मिले हैं जिनकी उम्र 15 वर्ष से कम है। वहीं मलेरिया से पीडि़त बच्चे कुपोषण के शिकार भी हो रहे हैं। ऐसे में मलेरिया के साथ ही इन बच्चों को सुपोषित करने की पहल भी की जा रही है। डॉक्टर के मुताबिक बस्तर संभाग में मिले मलेरिया पॉजिटिव में 60 प्रतिशत ऐसे मामले हैं जिनमें पीडि़तों को मलेरिया के कोई लक्षण ही नहीं है। अलाक्षणिक मलेरिया एनीमिया और कुपोषण का कारण बनता है।
पिछले दो वर्षो में बस्तर में मिले मलेरिया पीडि़त मरीजों का आंकड़ा
साल मलेरिया पीडि़तों की संख्या
2018 – 7425
2019 – 6486