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परिणाम से पूर्व ये सब मामले उठे सोशल मीडिया में
शिक्षाविदों का कहना है, कि बोर्ड की उत्तर पुस्तिकाओं में दो-तीन हैंडराइटिंग लिखी होने की जानकारी मीडिया के माध्यम से सामने आई है। परीक्षा के दौरान छात्रों द्वारा सामूहिक परीक्षा देने, गाइड रखकर प्रश्न पत्र हल करने, यू-ट्यूब व गूगल के माध्यम से प्रश्न पत्र हल करने की फोटो सोशल मीडिया में वायरल हुई है। उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन स्कूलों ने ही किया है। इस वजह से मनमाना नंबर छात्रों को दिया गया है। प्रदेश के शिक्षाविदों व पालक संघों का कहना है, कि माशिमं का मजाक भविष्य में छात्रों को रूलाएगा। माशिमं के अधिकारियों ने जो मनमानी की है, उसका परिणाम पालक व छात्रों को भुगतना होगा।
10वीं में पास हुए थे शत प्रतिशत
कोरोना काल में ही माशिमं ने 10वीं का परिणाम भी जारी किया है। इस शिक्षा सत्र 10 में शत प्रतिशत परीक्षार्थी पास हुए है। घर में परीक्षाओं का आयोजन होने की वजह से प्रथम, द्वितीय और तृतीय श्रेणी आने वाले छात्रों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। 12वीं का परीक्षा परिणाम जारी होने से पूर्व प्रथम, द्वितीय और तृतीय श्रेणी आने वाले छात्रों की संख्या में इजाफा होने की आशंका शिक्षाविदों ने जताई है।
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परिणाम से कॉलेज प्रवेश में होगी दिक्कत
शिक्षाविदों के अनुसार बोर्ड का परिणाम सामने आने के बाद सबसे बड़ी चुनौती कॉलेज में प्रवेश लेने के लिए होगी। विश्वविद्यालय प्रवेश प्रक्रिया के आधार पर और कॉलेज मेरिट के आधार पर प्रवेश देते है। सभी छात्रों के नंबर अच्छे आएंगे, तो मेरिट में चुनाव के दौरान कॉलेज प्रबंधन को परेशानी को सामना उठाना पड़ेगा। विषयों के अनुसार छात्रों का चुनाव भी आगामी दिनों में चुनौतीपूर्ण होगा। उच्च शिक्षा विभाग के आदेशानुसार कॉलेज प्रबंधन प्रवेश परीक्षा नहीं ले सकते है। इस अवस्था में छात्रों के नंबर एक सामान होने से उत्कृष्ट छात्रों को प्रवेश प्रक्रिया के दौरान परेशानी होगी।