विपक्ष में रहते कांग्रेस उठाती रही है सवाल
नान घोटाले में कांग्रेस काफी मुखर रही है। विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस हमेशा से जांच के दायरे को लेकर सवाल उठती रही है। विधानसभा में भी नान की सांकेतिक डायरी लहरा कर कांग्रेस सवाल उठाती रही है, कि सीएम मैडम कौन हैं। एक बार ऐसे ही आरोपों पर तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह काफी भावुक हो गए थे।
भाजपा बोली- आरोपी का सहारा लेकर बदले की कार्रवाई
एसआइटी गठन की घोषणा के बाद विपक्षी भाजपा भड़क उठी है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि मुख्यमंत्री इस मामले में कुछेक पन्ने पर लिखे गए नामों के आधार पर अपनी मिथ्या-कल्पना को स्थापित करने में जुटे हैं। उन्होंने कहा कि जब चालान कोर्ट में प्रस्तुत हो चुका है तब एसआइटी गठित करने से राजनीति की गंध आ रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार प्रतिशोध की भावना से किसी को फंसाने की साजिश कर रही है, अथवा किसी को बचाने के लिए जांच की दिशा भटकाने की कोशिश हो रही है।
नान घोटाले में अब तक यह हुआ
– 15 फरवरी 2015 को एसीबी ने नागरिक आपूर्ति निगम के 28 ठिकानों पर छापे मारे।
– छापे में 1 करोड़ 65 लाख रुपए की नकदी बरामद हुई।
– नान के 16 अधिकारियों-कर्मचारियों को आरोपी बनाया गया।
– एसीबी ने 14 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा।
– अप्रैल 2015 में एसीबी ने अदालत में पेश किया आरोपपत्र।
– खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के तत्कालीन प्रमुख सचिव आलोक शुक्ला और नान के तत्कालीन एमडी अनिल टुटेजा तक पहुंची आंच।
– एसीबी ने सरकार से दोनों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी।
– जुलाई 2016 में केंद्रीय कार्मिक एवं पेंशन विभाग ने अनुमति दी।
– 05 दिसम्बर 2018 को एसीबी ने पूरक चालान पेश किया, इसमें दोनों आइएएस अफसरों के नाम।
– अभी 13 आरोपी जमानत पर, एक आरोपी शिवशंकर भट्ट जेल में, 2 आरोपी फरार।