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अब SIT करेगी नान घोटाले की जांच, 101 पन्नों का सच उजागर करने का जिम्मा

locationरायपुरPublished: Jan 02, 2019 12:25:09 pm

Submitted by:

Ashish Gupta

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अगुवाई वाली राज्य मंत्रिपरिषद ने घोटाले की जांच के लिए एसआइटी गठित करने का फैसला कर लिया। इस एसआइटी की अगुवाई आइजी स्तर के अधिकारी को दी जाएगी।

NAN GHOTALA

नान घोटाले में दो अफसरों के खिलाफ विशेष कोर्ट ने जारी किए गिरफ्तारी वारंट

रायपुर. प्रदेश में सत्ता बदलने के बाद कुख्यात नागरिक आपूर्ति निगम घोटाले (नान) का जिन्न बाहर आ गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अगुवाई वाली राज्य मंत्रिपरिषद ने घोटाले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआइटी) गठित करने का फैसला कर लिया। इस एसआइटी की अगुवाई आइजी स्तर के अधिकारी को दी जाएगी।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पिछले सप्ताह ही एसीबी के महानिदेशक डीएम अवस्थी से जांच रिपोर्ट तलब की थी। उसको देखने के बाद मुख्यमंत्री ने अलग से जांच के संकेत दिए थे। फैसले की जानकारी देते हुए कृषि और जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे और आवास एवं परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर ने बताया कि नान घोटाले के आरोपी और नान के तत्कालीन एमडी अनिल टुटेजा के पत्र के बाद डीजीपी से पूरी रिपोर्ट मंगाई गई थी। रिपोर्ट में यह बात पता चली कि नान घोटाले में मिली डायरी के केवल छह पन्नों के आधार पर जांच की गई है।
अब डायरी के शेष पन्नों की भी जांच की जाएगी। वर्तमान सरकार का मानना है कि नान घोटाले की जब्त हुई डायरी में कुल 107 पन्ने थे। कहा जा रहा है, इसमें सांकेतिक तौर पर कई प्रभावशाली लोगों के नाम लिखे हुए थे। माना जा रहा है कि इस जांच की आंच भाजपा के कई दिग्गज नेताओं और उनके रिश्तेदारों तक भी पहुंचेगी।

विपक्ष में रहते कांग्रेस उठाती रही है सवाल
नान घोटाले में कांग्रेस काफी मुखर रही है। विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस हमेशा से जांच के दायरे को लेकर सवाल उठती रही है। विधानसभा में भी नान की सांकेतिक डायरी लहरा कर कांग्रेस सवाल उठाती रही है, कि सीएम मैडम कौन हैं। एक बार ऐसे ही आरोपों पर तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह काफी भावुक हो गए थे।

भाजपा बोली- आरोपी का सहारा लेकर बदले की कार्रवाई
एसआइटी गठन की घोषणा के बाद विपक्षी भाजपा भड़क उठी है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि मुख्यमंत्री इस मामले में कुछेक पन्ने पर लिखे गए नामों के आधार पर अपनी मिथ्या-कल्पना को स्थापित करने में जुटे हैं। उन्होंने कहा कि जब चालान कोर्ट में प्रस्तुत हो चुका है तब एसआइटी गठित करने से राजनीति की गंध आ रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार प्रतिशोध की भावना से किसी को फंसाने की साजिश कर रही है, अथवा किसी को बचाने के लिए जांच की दिशा भटकाने की कोशिश हो रही है।

धरमलाल कौशिक ने कहा कि जो व्यक्ति खुद आपराधिक साजिश के आरोप में जमानत पर हो, वह दूसरों पर ऊंगली उठाए यह तो विडंबना ही है। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह दो दिन पहले एेसा ही बयान दे चुके हैं। हालांकि मंत्री रविंद्र चौबे और मोहम्मद अकबर ने कहा, रमन सिंह को भय नहीं होना चाहिए। हम बदले की भावना से कोई जांच नहीं कर रहे हैं, लेकिन भ्रष्टाचार के मामले में कानूनी दायरे के मुताबिक काम तो होगा।

नान घोटाले में अब तक यह हुआ
– 15 फरवरी 2015 को एसीबी ने नागरिक आपूर्ति निगम के 28 ठिकानों पर छापे मारे।
– छापे में 1 करोड़ 65 लाख रुपए की नकदी बरामद हुई।
– नान के 16 अधिकारियों-कर्मचारियों को आरोपी बनाया गया।
– एसीबी ने 14 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा।
– अप्रैल 2015 में एसीबी ने अदालत में पेश किया आरोपपत्र।
– खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के तत्कालीन प्रमुख सचिव आलोक शुक्ला और नान के तत्कालीन एमडी अनिल टुटेजा तक पहुंची आंच।
– एसीबी ने सरकार से दोनों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी।
– जुलाई 2016 में केंद्रीय कार्मिक एवं पेंशन विभाग ने अनुमति दी।
– 05 दिसम्बर 2018 को एसीबी ने पूरक चालान पेश किया, इसमें दोनों आइएएस अफसरों के नाम।
– अभी 13 आरोपी जमानत पर, एक आरोपी शिवशंकर भट्ट जेल में, 2 आरोपी फरार।

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