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छत्तीसगढ़ कांग्रेस में बदलाव के बाद महंत संभालेंगे चुनाव अभियान, रेणु की जगह कवासी बने उपनेता

locationरायपुरPublished: Jan 07, 2018 11:27:29 am

Submitted by:

Ashish Gupta

छत्तीसगढ़ में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने प्रदेश में बदलाव किया है।राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के निर्देशों पर ये फेरबदल हुए हैं।

Chhattisgarh Congress

छत्तीसगढ़ कांग्रेस में फेरबदल, भूपेश के साथ दो कार्यकारी अध्यक्ष, रेणु जोगी की छुट्टी

रायपुर. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष और चुनावी समितियों के नाम तय कर दिए। पार्टी महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने चुनावी कार्यकारिणी के आदेश जारी किए। नई कार्यकारिणी में भूपेश बघेल प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष बने रहेंगे। उनकी मदद के लिए पाली तानाखार विधायक रामदयाल उईके और पूर्व विधायक डॉ. शिव कुमार डहरिया को कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया गया है।
नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी पर टीएस सिंहदेव को बहाल रखते हुए कोंटा विधायक कवासी लखमा को डॉ. रेणु जोगी की जगह उपनेता प्रतिपक्ष बनाया गया। चुनाव के समय उनके जनता कांग्रेस के साथ चले जाने की आशंका को देखते हुए कांग्रेस ने यह कदम उठाया है। पार्टी ने अजीत जोगी की वापसी से जुड़ी अटकलों पर विराम लगा दिया है। साथ ही यह भी तय हो गया है, कांग्रेस अगले चुनाव में रेणु जोगी को उम्मीदवार नहीं बना रही है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ.चरणदास महंत को चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष बनाकर बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। नई कार्यकारिणी में जातीय संतुलन का ध्यान रखा गया है, इसमें अध्यक्ष पिछड़ा वर्ग से, दो कार्यकारी अध्यक्षों में एक अनुसूचित जाति से, दूसरा जनजाति से और नेता प्रतिपक्ष सामान्य जाति से आते हैं। हालांकि नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव इस बदलाव को क्षेत्रीय संतुलन साधने की कोशिश बता रहे हैं। उनका कहना है, नई व्यवस्था में सभी संभागों का प्रतिनिधित्व पूरा हो गया।

पहली बार नहीं हुआ है एेसा
प्रदेश कांग्रेस में कार्यकारी अध्यक्ष का फॉर्मुला नया नहीं है। संयुक्त मध्य प्रदेश के समय भी एेसा होता रहा है। २००८ के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले दो डॉ. चरणदास महंत और सत्यनारायण शर्मा को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था। उस समय धनेंद्र साहू प्रदेश अध्यक्ष थे। 2013 के चुनाव में उतरने से पहले झीरम की घटना में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की पूरी कतार खत्म हो गई थी। आनन फानन में चरणदास महंत को कार्यवाहक अध्यक्ष की जिम्मेदारी देकर कांग्रेस चुनाव में उतरी थी।

तीनों शीर्ष पदों पर जोगी के पूर्व सहयोगी
बदलाव के बाद कार्यकारी अध्यक्ष और उपनेता प्रतिपक्ष के पद पर आए तीनों नेता रामदयाल उईके, शिव कुमार डहरिया और कवासी लखमा कभी अजीत जोगी के काफी नजदीकी माने जाते थे। जोगी के कांग्र्रेस छोडऩे के बाद तीनों ने संगठन के साथ रहना ठीक समझा। शिव डहरिया अभी अनुसूचित जाति विभाग के प्रदेश अध्यक्ष हैं। वहीं उईके ने पिछले दिनों आदिवासी नेतृत्व का मामला उठा चुके हैं।

मुख्यमंत्री पद के तीन चेहरे!
इस बदलाव की वजह से अभी तक हासिए पर नजर आ रहे डॉ. चरणदास महंत केंद्रीय भूमिका में दिखने लगे हैं। कांग्रेस ने २०१३ का विधानसभा चुनाव उन्हीं की अध्यक्षता में लड़ा था। कहा जा रहा,अमूमन मुख्यमंत्री पार्टी अध्यक्ष अथवा नेता प्रतिपक्ष ही बनता है। उसके बाद उसका नाम आता है, जिसने चुनाव अभियान का संचालन किया। एेसे में महंत के रूप में एक और दावेदार खड़ा हो गया है। इस समिति में पुराने रणनीतिकार रहे विधायक सत्यनारायण शर्मा के हिस्से कोई विशेष भूमिका नहीं आई है।

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