एनआरडीए के अधिकारियों के मुताबिक अलग-अलग सेक्टरों में वर्तमान में 1000 से अधिक आवंटितियों को तत्काल फायदा मिलेगा, जिन्होंने प्लॉट खरीद लिया व निर्माण नहीं करा पाएं हैं। साथ ही आने वाले दिनों जो भी नवा रायपुर में निर्माण करने चाहेंगे, उन्हें पहले से कम जमीन छोडऩी होगी। बिल्डरों (REAL ESTATE) के लिए एफएआर भी बढ़ाया गया है। साथ ही ट्रांजिट ओरिएंटेड डवलपमेंट (TOD) के अंर्तगत वर्ष 2031 तक के मास्टर प्लान में इस प्रस्ताव शामिल किया गया है।
एनआरडीए से यह प्रस्ताव ग्राम एवं नगर निवेश (TNC) एवं इसके बाद मंत्रालय भेजी गई। मंत्रालय से भी प्रस्ताव को स्वीकृति मिल चुकी है। नवा रायपुर में बसाहट को लेकर जारी कवायद में इस फैसले को अधिकारी बड़ा परिवर्तन बता रहे हैं। इस नियम के बाद आवंटितियों को 2000 वर्गफीट के मकान में आगे और पीछे जमीन छोडऩे की प्रक्रिया में 100 से 250 फीट तक लाभ होगा। पुराने प्रोजेक्ट में भी इस नियम के आधार पर आवंटिती फायदा ले सकेंगे।