15 जून को बड़े खुलासे की सूचना दी थी
भाजपा नेता ने मंत्री कवासी लखमा के नार्को टेस्ट की मांग की
झीरम घाटी हमले के समय कांग्रेस में रहे भाजपा नेता शिव नारायण द्विवेदी ने आबकारी मंत्री कवासी लखमा और खुद के नार्को टेस्ट की मांग वाला आवेदन दिया। संवाददाताओं से बात करते हुए द्विवेदी ने बताया, सुकमा से केशलूर जाते समय नंद कुमार पटेल कवासी लखमा को अपनी गाड़ी में बिठाना चाहे लेकिन लखमा तैयार नहीं थे। वे बार-बार टेंट वाले का भुगतान और खाना खिलाने की बात कहकर जाने को टाल रहे थे। इसके बाद भी नंद कुमार पटेल उन्हें गाड़ी में बिठाकर ले गए। झीरम घाटी में जब धमाका हुआ और फायरिंग होने लगी तो ये लोग गाड़ी से बाहर निकले। कवासी लखमा ने कहा फायरिंग बंद करो मैं कवासी लखमा हूं। इसके बाद फायरिंग बंद हो गई थी। फिर नंद कुमार पटेल, उनके पुत्र दिनेश पटेल, गाड़ी के ड्राइवर और कवासी लखमा को माओवादी जंगल के अंदर ले गए। जहां नंद कुमार पटेल और दिनेश पटेल की हत्या कर दी गई, लेकिन कवासी लखमा को छोड़ दिया गया। द्विवेदी ने कहा क जब तक इस मामले में कवासी लखमा का नार्को टेस्ट व सीबीआई जांच नहीं होती है तब तक सच्चाई सामने नहीं आएगी।