scriptडॉक्टर की बड़ी लापरवाही, इलाज से महिला चली गई कोमा में, अब तो सिर्फ सांसे चल रही शरीर में | Big negligence of Doctor, Woman goes to a coma from treatment | Patrika News

डॉक्टर की बड़ी लापरवाही, इलाज से महिला चली गई कोमा में, अब तो सिर्फ सांसे चल रही शरीर में

locationरायपुरPublished: Jul 09, 2018 08:51:59 pm

डॉक्टरों ने बताया कि वह अब कभी चल नहीं पाएगी, क्योंकि पूरा शरीर लकवाग्रस्त हो गया है।

Chhattisgarh news

डॉक्टर की बड़ी लापरवाही, इलाज से महिला चली गई कोमा में, अब तो सिर्फ सांसे चल रही शरीर में

रायपुर. छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में एक डॉक्टर की बड़ी लापरवाही सामने आई है। दरअसल मामूली सी बीमारी के लिए एक प्राइवेट डॉक्टर से इलाज करवाना कृष्णा बाई को महंगा पड़ा गया। आज उसकी स्थिति ऐसी कि वह जिंदा तो हैं, लेकिन वह दो लब्ज न बोल पाती है, न ही सुन पाती है, और न ही ठीक ढंग से खाना खा पाती है। फर्क इतना है कि शरीर में सांसे चल रही है।

इलाज के बाद हो गई विकलांग
यह मामला है महासमुंद जिले के परसकोल की रहने वाली कृष्णा बाई चंद्राकर की। जो पिछले 6 साल से विकलांग है। दुर्भाग्यवश एक बीमारी और निजी अस्पताल में डॉक्टर के गलत इलाज के कारण महिला कोमा में चली गई। परिवार के लोगों ने जैसे-तैसे कर इलाज करवाया। जिसके बाद महिला कोमा से तो बाहर आई, लेकिन हमेशा के लिए विकलांग हो गई। डॉक्टरों ने बताया कि वह अब कभी चल नहीं पाएगी, क्योंकि पूरा शरीर लकवाग्रस्त हो गया है। कृष्णा बाई अब न सुन सकती है, न ही बोल सकती है। दो कदम भी नहीं चल सकती है।

वृद्धा पेंशन के लिए भटक रही महिला
डॉक्टर ने उसे दो साल पहले 70 प्रतिशत विकलांगता की श्रेणी का सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया है। इसके बाद भी वह आज तक वृद्धा पेंशन योजना का लाभ नहीं ले पा रही है। कृष्णा बाई के भाई चंद्रशेखर चंद्राकर ने बताया कि, पेंशन के लिए ग्राम पंचायत के सचिव, जनपद पंचायत और लोकसुराज में भी आवेदन कर चुके हैं, लेकिन आज तक उनकी फरियाद नहीं सुनी गई।
जनपद सीईओ से मिलेगी योजना की जानकारी
चंद्रशेखर चंद्राकर ने बताया कि अगर उन्हें पेंशन की राशि मिलती तो, इलाज कराने में थोड़ी सी मदद मिल जाती। पेंशन के लिए कई बार आवेदन दिया गया, पर कुछ नहीं हुआ। समाज कल्याण विभाग के उपसंचालक संजय पाण्डे से इस बारे में पूछने पर उन्होंने बताया कि अगर किसी को पेंशन योजना का लाभ नहीं मिल रहा है, तो वो 2002 की बीपीएल पात्रता सूची में उसका नाम नहीं होगा।
अगर इस सूची में नहीं आती है, तो उसे 2011 की सामाजिक अर्थिक सर्वेक्षण सूची के तहत मुख्यमंत्री नवीन पेंशन योजना का लाभ मिल सकता है। इसके बारे में पूरी जानकारी जनपद के कार्यपालन अधिकारी से लेनी पड़ेगी। क्योंकि पेंशन भुगतान की जिम्मेदारी उनकी है।

योजना का मिलेगा लाभ

महासमुंद के समाज कल्याण विभाग के उप संचालक संजय पांडे ने बताया कि जरूरतमंद लोगों को पेंशन योजना का लाभ हर हाल में मिले, इसलिए 2002 की सूची में छूट गए लोगों के लिए मुख्यमंत्री पेंशन योजना लागू होने वाली है। इसके तहत सभी छुटे हुए वास्ताविक हितग्राहियों को लाभ दिया जाएगा।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो