इलाज के बाद हो गई विकलांग
यह मामला है महासमुंद जिले के परसकोल की रहने वाली कृष्णा बाई चंद्राकर की। जो पिछले 6 साल से विकलांग है। दुर्भाग्यवश एक बीमारी और निजी अस्पताल में डॉक्टर के गलत इलाज के कारण महिला कोमा में चली गई। परिवार के लोगों ने जैसे-तैसे कर इलाज करवाया। जिसके बाद महिला कोमा से तो बाहर आई, लेकिन हमेशा के लिए विकलांग हो गई। डॉक्टरों ने बताया कि वह अब कभी चल नहीं पाएगी, क्योंकि पूरा शरीर लकवाग्रस्त हो गया है। कृष्णा बाई अब न सुन सकती है, न ही बोल सकती है। दो कदम भी नहीं चल सकती है।
डॉक्टर ने उसे दो साल पहले 70 प्रतिशत विकलांगता की श्रेणी का सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया है। इसके बाद भी वह आज तक वृद्धा पेंशन योजना का लाभ नहीं ले पा रही है। कृष्णा बाई के भाई चंद्रशेखर चंद्राकर ने बताया कि, पेंशन के लिए ग्राम पंचायत के सचिव, जनपद पंचायत और लोकसुराज में भी आवेदन कर चुके हैं, लेकिन आज तक उनकी फरियाद नहीं सुनी गई।
चंद्रशेखर चंद्राकर ने बताया कि अगर उन्हें पेंशन की राशि मिलती तो, इलाज कराने में थोड़ी सी मदद मिल जाती। पेंशन के लिए कई बार आवेदन दिया गया, पर कुछ नहीं हुआ। समाज कल्याण विभाग के उपसंचालक संजय पाण्डे से इस बारे में पूछने पर उन्होंने बताया कि अगर किसी को पेंशन योजना का लाभ नहीं मिल रहा है, तो वो 2002 की बीपीएल पात्रता सूची में उसका नाम नहीं होगा।
योजना का मिलेगा लाभ
महासमुंद के समाज कल्याण विभाग के उप संचालक संजय पांडे ने बताया कि जरूरतमंद लोगों को पेंशन योजना का लाभ हर हाल में मिले, इसलिए 2002 की सूची में छूट गए लोगों के लिए मुख्यमंत्री पेंशन योजना लागू होने वाली है। इसके तहत सभी छुटे हुए वास्ताविक हितग्राहियों को लाभ दिया जाएगा।