केके तिवारी से इसकी जांच भी कराई गई। उन्होने इस खरीदी को निष्फल व्यय कर भ्रष्टाचार मानकर कार्रवाई करने
की मांग की गई है। इसके अलावा पाश्चुराइजर मशीन एक हजार लीटर क्षमता का जिसकी प्लांट में जरूरत ही नहीं
थीे, फिर भी मोटी खरीदी गई। यह मशीन अब भी कम्प्रेशर कक्ष में कबाड़ पड़ी है।
भंडार क्रय नियमों का भी उल्लंघन
पत्रिका को मिले दस्तावेज बताते हैं कि महासंघ में संविदा में नियुक्त संचालक डॉ. एसएस गहरवाह के कार्यक्रम
में यह खरीदी की गई थी। खरीदी के लिए विधिवत टेंडर प्रक्रिया भी नहीं की गई। एचएमटी लिमिटेड से कोटेशन
मांगकर स्पेयर पाट्र्स की खरीदी कर ली गई।
बायलर की गारंटी खत्म होने के बाद होगा शुरू
3 करोड़ की लागत से खरीदे गए बॉयलर अब चुपके से चालू करने की तैयारी की जा रही है। बॉयलर की गारंटी की
समयसीमा भी समाप्त हो चुकी है। इस मशीन की गैरजरूरी खरीदी को लेकर क्रय अधिकारी की जांच के संबंध में
विभागीय मंत्री ने एमडी को पत्र लिखा था, लेकिन अब तक मामले की जांच शुरू नहीं हो पाई है। आलोक राय क्रय
अधिकारी, रसिक परमार अध्यक्ष दुग्ध महासंघ शंकर सिंह गहरवाह के कार्यकाल में यह खरीदी हुई है।