अगर इन प्राइवेट नंबर की कैब बाइक की दुर्घटना हो जाए तो पीडि़त को इंश्योरेंस क्लेम भी नहीं मिलेगा। दूसरी ओर परिवहन विभाग को भी हर बाइक पर हर महीने करीब 2200 रुपए का राजस्व का भी घाटा हो रहा है।एक्सीडेंट हो नहीं मिलेगा क्लेम दो पहिया वाहन टैक्सी के रुप में दौड़ रहे हैं इनकी फिटनेस की जांच नहीं हो रही है। प्राइवेट नंबर की कैब बाइकें दौड़ रही हैं ये विभाग को पता है, मगर एक्शन के लिए शायद दुर्घटना का इंतजार किया जा रहा है।
शपथ-पत्र लेकर कैब कंपनियों की जिम्मेदारी खत्म
आरटीओ को प्राइवेट नंबर की बाइक कैब कंपनियों में लगाने पर हर बाइक पर 2200 रुपए का नुकसान हो रहा है। इसमें 1&00 रुपए परमिट, 400 रुपए फिटनेस और 500 रुपए ग्रीन टैक्स का शामिल है।सिर्फ शपथ-पत्र पर लग जाती है बाइक पत्रिका ने जानकारी जुटाई तो पता चला कि कैब कंपनियां प्राइवेट बाइक लगाने पर बाइक मालिक से शपथ-पत्र लेती हैं। इसमें दुर्घटना होने पर क्लेम की कोई जिम्मेदारी नहीं होने का हवाला दिया जाता है।नहीं लगा सकते प्राइवेट बाइकमोटर व्हीकल एक्ट के तहत टैक्सी के रुप में वाहन चलाने के लिए परमिट होना जरूरी है। परमिट उसी वाहन को मिलता है, जिसका कॉमर्शियल श्रेणी में आरटीओ में रजिस्ट्रेशन हो। ऐसे में प्राइवेट नंबर के वाहनों को कॉमर्शियल यूज नहीं किया जा सकता।
बाइक टैक्सी संचालन से पहले चालक के पास कमर्सियल लाइसेंस व बाइक का कमर्सियल रजिस्टेशन होना चाहिए। यदि जिले में नियम विरुद्ध बाइक टैक्सी चल रही है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। सैलाभ साहू, आरटीओ, रायपुर