script4 राज्यों का उदाहरण देकर BJP ने CM से पूछा, कोरोना के चलते बेसहारा हुए बच्चों के लिए क्या किया? | BJP asked the CM, What did you do for orphan children due to Covid | Patrika News

4 राज्यों का उदाहरण देकर BJP ने CM से पूछा, कोरोना के चलते बेसहारा हुए बच्चों के लिए क्या किया?

locationरायपुरPublished: Jun 02, 2021 06:58:58 pm

Submitted by:

Ashish Gupta

कोरोना संक्रमण से माता-पिता को खो चुके बच्चों के लिए राज्य सरकार ने 13 मई को महतारी दुलार योजना (Mahtari Dulari Yojana) की घोषणा की थी। मगर, अभी तक इस योजना के तहत बच्चों को लाभ मिलना शुरू नहीं हुआ है।

CM Bhupesh Baghel write a letter to Union Finance Minister Sitharaman

CM भूपेश ने केन्द्रीय वित्त मंत्री सीतारमण को लिखा पत्र, कारोबारियों को राहत देने कही ये बड़ी बात

रायपुर. कोरोना संक्रमण से माता-पिता को खो चुके बच्चों के लिए राज्य सरकार ने 13 मई को महतारी दुलार योजना (Mahtari Dulari Yojana) की घोषणा की थी। मगर, अभी तक इस योजना के तहत बच्चों को लाभ मिलना शुरू नहीं हुआ है। इसके तहत पढ़ाई का पूरा खर्च सरकार उठाएगी। पहली से 8वीं तक 500 रुपए प्रतिमाह और 9वीं से 12वीं तक के छात्रों को 1000 रुपए प्रतिमाह छात्रवृत्ति दी जाएगी। इस योजना को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय (Chhattisgarh BJP President Vishnudeo Sai) ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) से पूछा है कि कोरोना से माता-पिता को खो चुके बच्चों के लिए सरकार ने क्या किया?

यह भी पढ़ें: अब घर बैठे बनेगा ड्राइविंग लाइसेंस, RTO से संबंधित ये 22 काम भी अब कर पाएंगे ऑनलाइन

साय ने कहा कि केंद्र सरकार ऐसे अनाथ बच्चों को 18 वर्ष की आयु तक मासिक वित्तीय सहायता देने और 23 वर्ष की आयु पूरी करने पर 10 लाख रुपए की राशि देने का निर्णय लिया है। उन्होंने 3 राज्यों का उदाहरण देकर कहा कि तमिलनाडु ने अनाथ बच्चों के लिए 5 लाख रुपए देने की घोषणा की। असम सरकार बच्चों के अभिभावक/केयरटेकर को प्रतिमाह 3500 रुपए देगी, विवाह योग्य बच्चियों को 10 ग्राम सोना और एकमुश्त 50 हजार प्रदान करेगी।

यह भी पढ़ें: ब्लैक फंगस पर AIIMS के निदेशक बोले – यह नई बीमारी नहीं, पहले भी होती थी लेकिन अब ज्यादा मरीज

त्रिपुरा में भी 18 साल के होने तक प्रतिमाह 3500 और शादी पर 50 हजार की योजना हैं। कर्नाटक में अभिभावक को प्रतिमाह 3500 और 21 साल के उम्र पूरी कर चुकी लड़कियों को एक मुश्त एक लाख रुपए मिलेंगे। गुजरात सरकार अनाथ बच्चों को 18 वर्ष की आयु तक प्रति माह 4000 रुपए देगी और छात्रवित्ति अलग से दी जाएगी। साय ने कहा कि राज्य सरकार को इन राज्यों से सीख लेने की जरुरत है। योजना का लाभ मिलने की प्रक्रिया इतनी सरल हो कि आपदा का दंश झेलने वाले बच्चों को भटकना न पड़े।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो