राज्यपाल से मिलने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा, सरकार की नीतियों, अव्यवस्था समेत बारिश और बारदाने की कमी की वजह से किसान धान बेचने से वंचित रह गए हैं। किसानों का सड़क पर उतरना शर्मनाक है। उन्होंने कहा, सरकार श्वेत पत्र जारी करें। रमन सिंह ने बताया कि राज्यपाल को ज्ञापन सौंपते हुए प्रदेश में धान खरीदी की तिथि 15 दिन बढ़ाए जाने की मांग की।
एक सवाल के जवाब में पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ये हत्यारी सरकार है, निर्मम सरकार है। अगर किसानों पर लाठीचार्ज नहीं हुआ है, तो क्या किसानों ने पत्थर से अपने सर फोड़े हैं,धान खरीदी को लेकर किसान परेशान हैं और मुख्यमंत्री विदेश घूम रहे हैं, मुख्य सचिव विदेश घूम रहे हैं। ऐसे में किस से बात की जाए। सरकार को चाहिए कि धान खरीदी को लेकर श्वेत पत्र जारी करें और खरीदी की तारीख 15 दिन आगे बढ़ाए।
इससे पहले सरकारी धान खरीदी बंद होने के एक दिन पहले बुधवार को किसान अव्यवस्था, टोकन नहीं मिलने और बारदाने की कमी के कारण धान नहीं बेच पाए। नाराज किसान सड़क पर उतर गए। सूरजपुर जिले में टोकन नहीं मिलने से नाराज किसानों ने सड़क पर अपना धान फेंक दिया और उसमें आग लगा दी।
प्रतिनिधि मंडल में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी, पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, अजय चंद्राकर, लता उसेंडी, पूर्व विधायक सेवक राम नेताम, किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष पूनम चंद्राकर, किसान मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संदीप शर्मा मौजूद रहे।