छत्तीसगढ़ किसान-मजदूर महासंघ के प्रतिनिधि सुबह 11 बजे रायपुर के तेलीबांधा तालाब के पास इकट्ठा हुए। किसानों ने वहां प्रदर्शन कर केंद्र सरकार के कृषि संबंधी कानूनों का विरोध किया। बाद में जुलूस की शक्ल में किसान कटोरा तालाब स्थिति सांसद के कार्यालय पहुंचे। किसानों ने उनसे संकल्पपत्र पर हस्ताक्षर मांगा। अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के प्रदेश सचिव तेजराम विद्रोही ने कहा, भाजपा व प्रधानमंत्री गलत जानकारी देकर देश को गुमराह ना करें कि इन कानूनों से किसान आज़ाद हो जायेंगे। यह कानून कारपोरेट हितैषी है और जमाखोरी को बढ़ावा देने वाला है। नयी राजधानी प्रभावित किसान कल्याण संघर्ष समिति के अध्यक्ष रूपन चंद्राकर ने कहा, यह कानून किसानों को मंडी से दूर कर देगा और उनकी जमीन बिकवा देगा।
महासमुंद जिला पंचायत सदस्य जागेश्वर जुगुन चंद्राकर ने कहा, मण्डी का कानून है तो किसान सुरक्षित हैं। मण्डी में व्यवस्था सुधारने की जरूरत है नया कानून बनाने की नहीं। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्यव समिति के पारसनाथ साहू ने कहा, सरकार लिखित में दे कि किसानों को इस नए कानून से कोई घाटा नहीं होगा। जिला पंचायत के पूर्व सदस्य द्वारिका साहू ने कहा, जब केंद्र सरकार नोटबन्दी, जीएसटी आदि को लेकर दर्जनों बार संशोधन कर चुकी है तो इस नए कानून में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी की अनिवार्यता को लेकर एक संशोधन करने को प्रधानमंत्री तैयार क्यों नहीं हैं।
सांसद बोले- कांग्रेस भ्रम फैला रही है किसानों से चर्चा में सांसद सुनील सोनी ने कहा, इन कानूनों पर कांग्रेस भ्रम फैला रही है। कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणापत्र में मंडी एक्ट में इसी तरह का सुधार करने का वादा किया था। कृषि वैज्ञानिक डॉ संकेत ठाकुर ने कहा, किसानों को भाजपा-कांग्रेस की राजनीति से दूर रखा जाये। किसानों ने तो इन तीनों कानूनों की कोई मांग नहीं की थी। किसानों ने हमेशा मंडी कानून का पालन कराने की मांग की थी। फिर किसके लिए यह कानून बना।
16 को महासमुंद सांसद का घेराव महासंघ की बैठक में तय हुआ कि किसान सभी सांसदों का बारी-बारी से घेराव कर एमएसपी की गारंटी मांगेंगे। किसान 16 अक्टूबर को 2 बजे महासमुंद सांसद चुन्नीलाल साहू के कार्यालय का घेराव करेंगे।