फैक्ट्रियां अपनी चिमनियों से गंदे प्रदूषित धुंए को हवे में छोड़ रही हैं। जिसके चलते इसके आसपास के गांव के लोग प्रभावित हो रहे हैं। आलम यह है कि लोग यदि लोग अपने कपडे या अन्य चीज़ें छत पर सुखाने रख दें तो चंद घंटो में ही उसपर काली परत जम जाती है।
रायपुर
Published: July 24, 2022 03:37:19 pm
रायपुर। राजधानी के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र सिलतरा की फैक्ट्रियों के प्रदूषण से आसपास के ग्रामीणों का बुरा हाल है। बड़े-बड़े प्लांटों की चिमनियों से दिनरात निकलता काला धुंआ आमजनता के लिए जहर बन गया है। बढ़ते प्रदुषण के चलते सांकरा, सिलतरा, निमोरा आदि आस पास के तालाबों के पानी के ऊपर और रहवासियों की छतों पर काली परत जम रही है। फैक्ट्रियों से निकलने वाला यह काला धुंआ लोगों के घरों में भी घुस रहा है। जिससे ग्रामीणों का जीना दुभर हो गया है। फैक्ट्रियों के इस प्रदुषण से ग्रामीणों को बहुत सी बीमारियां घेरने लगीं है।
बता दें कि सिलतरा में फैक्ट्रियां अपनी चिमनियों से गंदे प्रदूषित धुंए को हवे में छोड़ते हैं। जिसके चलते इसके आसपास के गांव के लोग प्रभावित हो रहे हैं। आलम यह है कि लोग यदि लोग अपने कपडे या अन्य चीज़ें छत पर सुखाने रख दें तो चंद घंटो में ही उसपर काली परत जम जाती है। साथ ही प्रदूषित पानी का उपयोग और श्वसन में प्रदूषित हवा से आम लोगों को बीमारियां घेरने लगी हैं। लेकिन इनकी समस्या की ओर ना ही प्रशासन ध्यान दे रहा है और ना ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को इनकी फ़िक्र है।
धरसीवां स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की बीएमओ डॉक्टर एन के लकड़ा ने बताया कि इस क्षेत्र में 3 साल में दमा के 132 मरीज सामने आए हैं। और स्लम एरिया होने के कारण टीबी की बीमारी भी यहां ज्यादा फ़ैल रही है। इसके साथ - साथ चर्म रोग की भी समस्याएं लोगों को घेर रही है। उन्होंने कहा कि जिला एवं ब्लॉक स्तर पर टीबी के लिए घर घर सर्वे चलाया जा रहा है। कुछ ही दिन में पूर्ण आंकड़े प्राप्त हो जाएंगे।
अगली खबर
सबसे लोकप्रिय
शानदार खबरें
मल्टीमीडिया
Newsletters
Follow Us
Download Partika Apps
Group Sites
Top Categories
Trending Topics
Trending Stories
बड़ी खबरें