ज्यादातर कंपनियों ने बाकायदे दवा निगम में अपना भुगतान प्राप्त करने के लिए एजेंटों की मदद लेते हैं यह एजेंट ही इनका सारा काम देखते हैं। प्रबंध निदेशक रमेश अरोड़ा ने कहा कि हम अपना कारोबार विदेश ले जा रहे हैं। उनका कहना था कि हमारे ढाई करोड़ के भुगतान पिछले कई महीनों से लंबित हैं। ब्लैकलिस्ट किए जाने को लेकर उन्होंने कहा कि सरकारी लैबोरेटरी की हालत बेहद खराब है। वहां योग्य लोगों का अभाव है।
उनका यह भी कहना था कि कई कई महीनो तक माल गोदाम में रखा रहता है उसकी डिलीवरी नहीं ली जाती हैं। रमेश अरोड़ा का कहना था कि बिना एजेंट के भुगतान संभव नहीं हो पाता, हमें पांच से सात प्रतिशत एजेंट को भुगतान करना पड़ता है ।
एसीबी एसपी मनीष शर्मा ने बताया कि रिश्वत मामले से जुड़े हुए सभी पहलुओं की जांच की जा रही है। एसीबी ने रिमांड के दौरान आरोपी वीरेन्द्र से पूछा गया कि निविदा हासिल करने वाले कंपनियों से कितना कमीशन लिया जाता है। लेकिन, उसने गोलमोल जवाब देते हुए सारे आरोपों को खारिज कर दिया। आरोपी जीएम वीरेन्द्र जैन को 13 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया है। उसे जज जितेंद्र जैन की अदालत में पेश किया गया था। कोर्ट ने आरोपी को दोबारा 8 अप्रैल को पेश करने के निर्देश दिए हैं।
छत्तीसगढ़ स्टेट मेडिकल कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक वी. रामाराव ने कहा जब क्वालिटी फार्मा को केरल सरकार ने ब्लैकलिस्ट किया गया हमारी टेंडर प्रक्रिया उसके पहले शुरू हो गई थी। सलोन को केरल में दूसरी वजहों से ब्लैकलिस्ट किया गया है। कई बार ब्लैकलिस्टेड कंपनियों के खिलाफ देर से सूचनाएं मिलती हैं लेकिन जैसे ही सूचनाएं मिलती है, हम कारवाई करते हैं।
एंटी करप्शन ब्यूरो केएडीजी मुकेश गुप्ता ने बताया वीरेन्द्र जैन के खिलाफ कई शिकायतें आई थीं। उससे पूछताछ में कई जानकारियां मिली हैं जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।