डॉक्टर को जांच के निर्देश
घटना के बाद एम्स प्रबंधन ने नाश्ते में निकले ब्लेड के टुकड़ों की फोटोग्राफी कराई और पीडि़त युवती का बयान दर्ज कराया। अब मामले की जांच एक डॉक्टर को सौंपी गई है। जांच रिपोर्ट बाद कंपनी को ब्लैक लिस्ट और अमानत राशि जब्त की जा सकती है। बताया जाता है कि इस घटना के बाद मेस प्रबंधन ने मरीज व परिवार वालों से माफी मांग किसी भी तरह की शिकायत नहीं करने की गुहार लगाता रहा।
घबराए अन्य मरीजों ने नहीं किया नाश्ता
घटना के बाद वार्ड समेत आसपास के लोगों में आग की तरह बात फैल गई। इसके बाद यहां भर्ती अधिकांश मरीजों ने नाश्ता और खाना नहीं खाया। मरीजों ने पत्रिका को बताया कि यहां आपरेशन हुए मरीज को भी कद्दू, दही व भाटा परोस दिया जाता है। डाइट में परहेज के प्रति लापरवही की जाती है।
एजेंसी को दिया गया था एक्सटेंशन
एम्स में मरीजों को खाना उपलब्ध कराने का काम साईं सर्विसेस को दिया गया है। कंपनी द्वारा खाने में लापरवाही की शिकायत पहले भी आ चुकी है। बीते माह खाने में कीड़ा मिलने की बात सामने आई थी। दो साल पहले कंपनी को ठेका दिया गया था। बीते साल बेतहर काम करने का हवाला देकर एक वर्ष के लिए ठेका बढ़ाया गया था। अब इस तरह की लापरवाही के बाद प्रबंधन कंपनी को ब्लैक लिस्टेड भी कर सकता है।
एक नजर में
– 260 मरीजों को रोज खाना
– 1500 तमीरदार रोज नाश्ता और खाना खाते हैं कैंटीन में
– 35 रुपए प्रति मरीज के हिसाब से मिलता है भुगतान
– 30 तरह के डाइट का मिलता है खाना