scriptआरटीई के तहत अपने बच्चे का दाखिला कराने 6 महीने से भटक रहा नेत्रहीन पिता | Blind father wandering 6 months for student admission under RTE | Patrika News

आरटीई के तहत अपने बच्चे का दाखिला कराने 6 महीने से भटक रहा नेत्रहीन पिता

locationरायपुरPublished: Oct 18, 2020 05:18:12 pm

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CG Desk

– चॉइस सेंटर की गलती का खामियाजा भुगत रहा नेत्रहीन पिता और परिवार .
 

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रायपुर। शिक्षा के अधिकार के तहत में स्कूल में दाखिले के लिए त्रिमूर्ति नगर रायपुर निवासी सजनू अपने बच्चे डमरु महार का चॉइस सेंटर के माध्यम से ऑनलाइन फॉर्म भरा था। चॉइस सेंटर वालों ने डमरू नाम की जगह दमबारू कर दिया। नेत्रहीन पिता को ऑनलाइन फॉर्म में गलती का पता ही नहीं चला। अब नेत्रहीन पिता अपने बच्चे के दाखिले के लिए ६ महीने से स्कूल और अधिकारियों के चक्कर काट रहा है।
आरटीई के तहत जब लॉटरी निकली तो बच्चे का नाम आया जरूर, लेकिन ऑनलाइन आवेदन के आधार पर गलत नाम आया। अब इसी त्रुटि का हवाला देकर जिम्मेदार बच्चे को प्रवेश देने से इंकार कर रहे हैं। दाखिले के लिए नेत्रहीन पिता ने नोडल अधिकारी और प्राइवेट स्कूल प्रबंधन के सामने कई दफा हाथ जोडऩे के बावजूद वे नहीं पसीजे।
हाल ही में सजनू त्रिमूर्ति नगर स्थित शासकीय स्कूल में पूरे दस्तावेज लेकर पहुचा था। वहां के शिक्षक व प्राचार्य ने दाखिला देने का आश्वासन दिया। सजनू ने कहा मै तो नेत्रहीन हु मेरे बच्चो के लिए मार्च से रोजना सभी आला अधिकारी के पिताजी गिडगिडाता रहा हुं , पूछने पर दस्तावेज में त्रुटि का बहाना बताया और सुधार कर लाने को कहा नेत्रहीन पिता दो-तीन महीने परिश्रम और भागदौड़ किया और दस्तावेज में सुधार भी करवाया और पिता सजनू ने शपथ पत्र में लिख कर दिया कि जो भी भूल हुई है । उसके लिए मैं शपथ पत्र देता हूं मेरे बच्चे को एडमिशन दे दीजिए साहब मैं गरीब आरक्षित वर्ग से आता हूं मेरी जिंदगी तो बर्बाद हो गई मेरे बच्चे का भविष्य बना दीजिए नोडल अधिकारी और स्कूल संचालक को जरा भी तरस नहीं आया उस नेत्रहीन पिता सजनू पर यह बात सामाजिक नेता संजय सोनी को पता चली और उन्होंने पालक संघ के जिलाध्यक्ष आशीष को सूचना दी और पालक संघ ने हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया और आशीष उनके घर पहुंच जानकारी प्राप्त की और शिक्षा विभाग से सीधा संपर्क किया । जिसका समाधान नोडल अधिकारी ने कर दिया है।
मेरे पास 6 दिन पहले ये मामला आया था ,दस्तावेज में बहुत सारी खामिया था जिसे सुधारकर शुक्रवार को सजनु स्कूल पहुचा है। दस्तावेज के जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में भेज दिया गया है।
दिलीप झा, नोडल अधिकारी

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