जर्नी में संघर्ष और सफलता
सिंगर्स ने एक-एक कर अपनी जर्नी शेयर की। तीनों ने संघर्ष औऱ संगीत से जुड़ाव की कहानी बताई। यह भी कहा कि बॉलीवुड में कई बार गाने तो गवा लिए जाते हैं और लास्ट मोमेंट में सिंगर बदल दिया जाता है। आप उस गाने के लिए कितनी मेहनत किए होते हैं और जब पता चलता है कि उसे किसी और से गवाया जा रहा है तो दुख होता है। बॉलीवुड में इस तरह का ट्रेंड निकल पड़ा है। एेसे में इंडिपेंडेंट म्यूजिक का काफी स्कोप है। गौरतलब है कि तीनों सिंगर्स ने अपनी पहचान इंडिपेंडेंट म्यूजिक से ही बनाई है।न्यूकमर के लिए बहुत जरूरी
सिंगर मधुश्री ने कहा कि किसी भी न्यूकमर के लिए इंडिपेंडेंट म्यूजिक बहुत जरूरी है। कोई भी म्यूजिक डायरेकर उसकी रेंज को जानता नहीं और न किसी के पास इतना वक्त है कि उसे टेस्ट करे। इसलिए बेहतर है आप अपनी रेंज में एलबम तैयार करें औऱ सोशल मीडिया में उसे प्रमोट करें। इंडिपेंडेंट म्यूजिक का फ्यूचर काफी ब्राइट है।इंडिपेंडेंट म्यूजिक में मन की करता हूँ
शाहिद ने कहा, मुझे पहला गाना पंजाबी मिला। इसके बाद से पंजाबी गानों की लाइन सी लग गई। एक तरह से मुझे टाइप कास्ट कर दिया गया। लेकिन जब मैं इंडिपेंडेंट म्यूजिक करता हूँ तो सही मायनों में मन की कर पाता हूँ। मैंने कई साल स्टुडियो के चक्कर काटे। बाद में समझ आया कि उनके लिए गाना चाहे कोई भी गाए, वो लोगों तक कैसे पहुंचे यह मायने रखता है। उनकी सोच पूरी तरह कमर्शियल होती है जो अपनी जगह सही है।इंडिपेंडेंट आर्टिस्ट ही ट्रेंड चेंज करता है
अमी मिश्रा ने कहा, लोग अपने तरीक़े से म्यूजिक बनाते रहते हैं और इस बीच उसमें से कुछ पूरे देश में हिट हो जाता है। तो ये चीज इंडिपेंडेंट म्यूजिक से ही आती है। इसलिए कह सकते हैं कि इंडिपेंडेंट आर्टिस्ट ही ट्रेंड चेंज करता है। उसे हर जगह एडॉप्ट कर लिया जाता है। हालांकि उन्हें कमर्शियल तौर पर भी प्रसिद्धि मिल जाए ये थोड़ा मुश्किल है।