अफसर बनकर करना है आतंक का सफाया
इस घटना ने देविका के जीवन में जबर्दस्त प्रभाव डाला है। इस वजह से वह टीबी से ग्रसित हो गई थी। वे कहती हैं कि आइपीएस बनकर आतंक को सफाया करेंगी। सरकार की ओर से सेफ्टी के सवाल पर कहा कि पुख्ता सुरक्षा तो नहीं मिली लेकिन पुलिस के आला अफसरों का दावा है कि वे परिवार की सेफ्टी पर गंभीर हैं। किसी कार्यक्रम के लिए आमंत्रण भी आता है तो निमंत्रण पत्र समेत आयोजकों पर नजर रहती है।
दबाव और ऑफर दोनों आए
देविका के पिता नटवरलाल ने बताया कि जब गवाही के लिए जाना था उस दौर में दबाव और ऑफर दोनों मिले, लेकिन हम देशहित को सर्वोपरि मानते हुए न डरे और न झुके। आज भी दुनिया हमसे बचती है, डरती है लेकिन हमारा लक्ष्य अब आतंक के खिलाफ मिशन से है।