scriptचोरी की बिजली और पानी लेकर बेखौफ बना रहे ईंट | Bricks are making fearless by taking stolen electricity and water | Patrika News

चोरी की बिजली और पानी लेकर बेखौफ बना रहे ईंट

locationरायपुरPublished: Jun 01, 2020 05:17:33 pm

Submitted by:

ashok trivedi

चोरी की बिजली, चोरी का पानी लेकर ईंट बनाने और पकाने का काम किया जा रहा है। इन सबके बाद भी प्रशासन के नुमाइंदे मूखदर्शक बनकर बैठे हुए हैं।

चोरी की बिजली और पानी लेकर बेखौफ बना रहे ईंट

चोरी की बिजली और पानी लेकर बेखौफ बना रहे ईंट

गरियाबंद. छुरा ब्लॉक के छोर में बसे ग्राम पंचायत कुगदा में इन दिनों बिना लाइसेंस के ईंट निर्माण काम बेधड़क जारी है। ईट भ_ा में सब काम अवैध रुप से चल रहा है। चोरी की बिजली, चोरी का पानी लेकर ईंट बनाने और पकाने का काम किया जा रहा है। इन सबके बाद भी प्रशासन के नुमाइंदे मूखदर्शक बनकर बैठे हुए हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि ईंट ठेकेदारों को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है। इसके चलते वे बैखौफ तरीके से बिना परमिशन के ईंट निर्माण के अवैध काम को अंजाम दे रहे हैं।
छुरा जनपद पंचायत के अंतिम छोर में बसे गांव कुगदा में बांध करीब अवैध तरीके से ईट निर्माण की शिकायत मिली थी। शिकायत की तस्दीक करने जब हमारे संवाददाता पहुंचे तो वहां चार भ_ों में करीब एक लाख ईंट को भूसा से पकाया जा रहा था। मजदूरों से पूछने पर बताया कि ग्राम पोड निवासी व्यक्ति द्वारा ईंट बनवाया जा रहा है। इस ईंट भ_े में सभी काम को अवैध रुप से किया जा रहा था। कुगदा बांधा से पंप के माध्यम से पानी चोरी कर ईंट भ_ा तक लाया जा रहा था। पंप को चलाने के लिए मुख्य बिजली लाइन से तार हुटिंग की गई थी। खुलेआम इस तरह के काम के संबंध में पूछने पर ग्रामीणों का कहना है कि ईट ठेकेदारों को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है। कई बार शिकायत के बाद भी इन पर किसी भी विभाग ने कार्रवाई नहीं है। कभी-कभी तो ईंट ठेकेदारों के गुर्गे उन्हें धमकाते भी हैं।
अब सवाल उठता है कि ग्रामीण अंचलों में इस तरह के अवैध कामों पर लगाम कब लगेगी। इस तरह पूरे जिले में इस तरह पूरे जिले में खनिज विभाग राजस्व विभाग एवं बिजली विभाग के सहयोग से धड़ल्ले से लाल ईंटों का कारोबार फल-फूल रहा है। जहां-जहां नियम कानून की धज्जियां उड़ाते हुए वायु प्रदूषण हो रहा है।
तीन हजार महीना पटाने का दावा
बिजली चोरी मामले को लेकर ईट ठेकेदार और बिजली विभाग के अधिकारी आमने-सामने हो गए हैं। ठेकेदार का दावा है कि वे बिजली विभाग में हर माह तीन हजार रुपए पटाते हैं। वहीं बिजली विभाग के सब इंजीनियर केके वाइका का कहना है कि टीसी कनेक्शन नहीं लेने के कारण ईंट ठेकेदार से आठ हजार रुपए का जुर्माना वसूला गया था। अब सवाल उठाता है कि अगर ठेकेदार हर माह तीन हजार रुपए विभाग में पटाता है तो शिकायत के बाद वर्तमान में सब इंजीनियर ने आठ हजार रुपए का जुर्माना क्यों लगाया? इस राशि का विभाग के पास हिसाब क्यो नहीं है, ठेकेदार भी रसीद क्यो नहीं दिखा पा रहा है। बहरहाल दोनों के कथन में विरोधाभाष है, जो जांच के बाद ही सामने आएगा।

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