राज्य सरकार की बिना अनुमति बस मालिकों ने बढ़ाया किराया, आरटीओ और एआरटीओ को जांच के निर्देश
- शिकायत पर विभाग ने लिया संज्ञान, सभी आरटीओ और एआरटीओ को दिए जांच के निर्देश।

रायपुर। राज्य सरकार की बिना अनुमति के लंबी दूरी के यात्रियों से बस मालिक जमकर वसूली कर रहे है। जबकि परिवहन विभाग द्वारा साधारण बसों से लेकर लक्जरी और एसी कोच बसों का किराया तय किया गया है। लेकिन, इसका पालन नहीं किया जा रहा है। बस मालिक अपनी सुविधा के अनुसार किराया तय कर रहे है। उनकी वेबसाइट में किराए का उल्लेख किया गया है।
बताया जाता है कि इसकी शिकायत मिलने के बाद अतिरिक्त परिवहन आयुक्त द्वारा सभी आरटीओ और एआरटीओ की इसकी जांच करने के निर्देश दिए है। साथ ही पकड़े जाने पर जुर्माना वसूल कर परमिट निरस्त करने के निर्देश दिए गए है। बता दें कि रायपुर से लंबी दूरी और दूसरे राज्यों के लिए करीब 40 बसों का संचालन किया जाता है। इसमें से अधिकांश एसी वाली बड़ी लक्जरी यात्री बसे शामिल है।
इतना किराया
राज्य सरकार द्वारा 16 जुलाई 2018 को सभी यात्री बसों का किराया तय किया गया था। इसकी अधिसूचना जारी कर छत्तीसगढ़ के राजपत्र में प्रकाशन किया गया था। जारी आदेश के अनुसार एसी वाली लक्जरी बसों से प्रतियात्री प्रथम 5 किमी तक का 7 रुपए और उसके बाद 2.20 रुपए प्रतिकिमी लिया जाना है। वहीं अर्ध शयनयान (सीट)का 2.75 रुपए और शयनयान के लिए 2.75 रुपए लिया जाना है। लेकिन, यात्रियों की संख्या को देखकर किराया तय किया जा रहा है।
कार्रवाई के निर्देश
किराया बढ़ाने और निर्धारित क्षमता से अधिक यात्रियों का परिवहन करने की शिकायत मिली है। इसकी जांच कर संबंधित बस का परमिट निरस्त करने के निर्देश सभी आरटीओ और एआरटीओ को दिए गए है।
- टीआर पैकरा अतिरिक्त परिवहन आयुक्त
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