
CA Result 2024: ताबीर हुसैन. छत्तीसगढ़ के रायपुर इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाएंटेंट ऑफ इंडिया (आईसीएआई) ने सीए फाइनल के नतीजे जारी कर दिया है। इसमें रायपुर के युवाओं को भी सफलता मिली है। सफल छात्रों का कहना है कि यह एग्जाम काफी टफ होता है। इस बार तो रिजल्ट का परसेंटेज कम रहा। सभी ने सफलता का मंत्र रिवीजन और मॉक टेस्ट को बताया।
इसके अलावा लगातार क्लास अटेंड करना, टीचर्स के टिप्स को फॉलो करना, सभी सब्जेक्ट की पढ़ाई करना और शेड्यूल मेंटेन करना जरूरी बताया। आईसीएआई रायपुर चैप्टर से मिली जानकारी के अनुसार कुल 631 स्टूडेंट्स ने एग्जाम दिया जिसमें से 156 पास हुए हैं। इसमें से कुछ ऐसे भी स्टूडेंट्स हैं जिनकी पहली कोशिश कामयाब हुई है। रिजल्ट आते ही युवाओं ने जमकर खुशी मनाई।
राजधानी के श्याम नगर निवासी भूमिका राघवानी ने बोथ ग्रुप में सीए क्रैक किया है। उन्हें 395 माक्र्स मिले हैं। वे बताती हैं कॉमर्स लेने के बाद मेरे पास एमबीए और सीए का ऑप्शन था जिसमें से मैंने सीए को चुना। मुझे पहले ही अटेम्पट में यह सफलता मिली है। चूंकि फाइनल की तैयारी अमूमन ऑनलाइन की जाती है, मैंने आखिरी तीन महीने सेल्फ स्टडी के लिए निकाले।
एक सब्जेक्ट के लिए 15 दिन तय किया। ऑडिट में कमजोर थी इसलिए रोजाना दो से तीन घंटे दिया। अभी कुछ महीने का ब्रेक लेकर जॉब करना है। फाइनल की तैयारी में गेप नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे लिंक टूटता है। मैंने सोशल गेदरिंग छोड़ दी थी। फैमिली इवेंट से भी दूरी बना ली थी। जिसका फायदा मुझे रिजल्ट में मिला।
रायपुर के जवाहर नगर निवासी नमन कारिया ने 395 माक्र्स अचीव किए हैं। उन्होंने बताया, सीए बनने की प्रेरणा मुझे भैया से मिली। मेरा बोथ ग्रुप रहा और पहले ही अटेम्प्ट में मैंने यह उपलब्धि हासिल की। फाइनल की तैयारी मेरी दो साल पहले क्लास ज्वाइनिंग से शुरू हुई। मैंने रिवीजन पर बहुत ध्यान दिया।
मेरा मोटिव था कि टाइम का बेस्ट यूटिलाइज किया जाए। ज्यादा से ज्यादा मॉक टेस्ट दिए और टाइम मैनेजमेंट को जाना। हर पेपर में डेढ़ दिन का गैप होता है। मॉक टेस्ट में इसका ध्यान रखा। मॉक टेेस्ट के बाद एनॉलिसिस करने से पता चल जाता था कि कहां मेहनत ज्यादा करनी है। आगे मैं जॉब करना चाहता हूं। पापा अजय कारिया बिजनेमैन हैं और मम्मी दिशा कारिया हाउसवाइफ।
राजधानी के अमलीडीह निवासी निकुंज राठी को 395 माक्र्स मिले हैं। उन्होंने बताया, पापा राजेश राठी सीए हैं। मुझे उनसे ही प्रेरणा मिली है। मेरा इरादा कुछ साल जॉब करने का है। फस्र्ट अटेम्प्ट में मेरी सफलता में मॉक टेस्ट और रिवीजन का अहम रोल रहा है।
राजधानी की आयुषि गोयल को 395 अंक मिले हैं। वे बताती हैं, यह मेरा फस्र्ट अटेम्प्ट रहा। मैं रोजाना तीन से चार सब्जेक्ट पढ़ा करती थी, मैंने राइटिंग प्रैक्टिस भी खूब की। ऑडिट पेपर मुझे थोड़ा चुनौतीपूर्ण लगा क्योंकि इसमें बहुत याद करना पड़ता था। आगे मैं टीचिंग की फील्ड में जाना चाहूंगी। पिता संजय गोयल सीए हैं। उन्हीं से मैंने इस फील्ड में आने की प्रेरणा ली। टीचिंग के जरिए मैं बहुतों को सीए बनाऊंगी।
सिद्धांत सोनी को 395 माक्र्स मिले हैं। वे बताते हैं, किसी एक सब्जेक्ट पर स्पेशलाइज होना काम नहीं आता। इसलिए सभी टॉपिक्स की पढ़ाई अच्छे से करनी पड़ती है। जैसे-जैसे एग्जाम नजदीक आए मैंने त्योहार मनाना ही छोड़ दिया था। पापा मुकेश सोनी एकाउंट ऑफिसर हैं। जब मैंने टेंथ क्लियर किया तब उन्होंने डिस्कशन के दौरान मुझे सीए फील्ड के बारे में बताया
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Published on:
28 Dec 2024 12:30 pm
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