छत्तीसगढ़शुक्रवार को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि ‘नागरिकता संशोधन कानून पर उनका स्टैंड केंद्रीय आलाकमान से अलग नहीं होगा। जो उनका पक्ष है, वही हमारा भी पक्ष है।मंत्री टीएस सिंहदेव का ट्वीट : प्रदेश के कैबिनेट मंत्री टीएस सिंहदेव ने सीएम भूपेश बघेल से आग्रह किया है कि छत्तीसगढ़ में कैब को लागू न होने दें। उन्होने कहा कि हमें अपने संवैधानिक मूल्यों पर इस हमले की अनुमति न देें।मध्यप्रदेशवहीं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी कहा कि कांग्रेस पार्टी जो भी फैसला लेगी राज्य भी उसी के आधार पर आगे बढ़ेगा।महाराष्ट्रउधर, महाराष्ट्र में कांग्रेस के कोटे से उद्धव सरकार में मंत्री बालासाहेब थोराट ने भी कहा कि केंद्रीय आलाकमान जो फैसला लेगी, वह राज्य में उसी आधार पर आगे बढ़ेंगे। हालांकि, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की ओर से अभी तक इसपर कोई बयान नहीं आया है।[typography_font:18pt;” >नई दिल्ली/रायपुर. नागरिकता संसोधन विधेयक (कैब) के पास के होने के बाद और राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद अब यह एक कानून बन गया है। लेकिन इस कानून को लागू करने के बाद कई राज्य विरोध दर्ज करा रहे है। राज्य सरकारों ने इसके लिए मोर्चा खोल लिया है। पश्चिम बंगाल, पंजाब, राजस्थान और केरल के बाद कई गैर-भाजपा शासित राज्यों से आवाज उठ रही है। इस श्रेणी में अब छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र भी शामिल हो गए है। ये 7 राज्य कैब के विरोध में छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, केरल और पंजाब इस कानून को लागू करने के खिलाफ है। हालांकि, नागरिकता से जुड़ा पूरा अधिकार केंद्र सरकार के अंतर्गत ही आता है। हालांकि, केंद्र का कहना है कि संविधान की सातवीं सूची के तहत राज्य इस बिल को लागू करने से मना नहीं कर सकते।