बैठक में लिए गए कई अहम निर्णय
– छत्तीसगढ़ कृषि उपज मण्डी (संशोधन) विधेयक-2020 (Agricultural Produce Market Amendment Bill 2020) के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। – राज्य शासन द्वारा वर्ष 2012 में राज्य के ग्रामीण अंचलों के त्वरित और सर्वांगींण विकास की पूर्ति के लिए वर्तमान में विकास कार्यो की स्वीकृति के लिए गठित छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग क्षेत्र विकास प्राधिकरण के पुनर्गठन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।
– छत्तीसगढ़ आबकारी नीति वर्ष 2013-14 के क्रियान्वयन के संबंध में प्रदेश में नशा मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के लिए छत्तीसगढ़ शराब व्यसन मुक्ति अभियान (भारत माता वाहिंनी योजना) को समाज कल्याण विभाग को सौंपने का निर्णय लिया गया।
– भारत सरकार, जल शक्ति मंत्रालय, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा ‘जल जीवन मिशन’ के क्रियान्वयन के संबंध में निर्णय लिया गया कि-जल जीवन मिशन के संपूर्ण टेण्डर (ईओआई) को निरस्त करके भारत सरकार के निर्देशानुसार कार्यवाही की जाए।
– औद्योगिक नीति 2019-24 में संशोधन के प्रस्ताव को अनुमति दी गई, जिसमें राज्य के वनोपज, हर्बल तथा वन पर आधारित अन्य उत्पादों का प्रसंस्करण, खाद्य प्रसंस्करण उत्पादों के निर्माण और मूल्य संवर्धन के कार्य राज्य में ही किए जाने को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष निवेश प्रोत्साहन पैकेज (वनांचल उद्योग पैकेज) का अनुमोदन किया गया।
– जल जीवन मिशन योजना की पुरानी प्रक्रिया निरस्त, दरअसल भूपेश सरकार ने जल जीवन मिशन के सभी टेंडर को निरस्त कर दिया है। इसके साथ ही भारत सरकार के निर्देशानुसार कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए हैं।
– जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार और गड़बड़ी की लगातार शिकायत मिल रही थी, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने जांच के आदेश दिए। – इससे पहले इसके लिए चीफ सेक्रेटरी आर पी मंडल की अध्यक्षता में 3 सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया गया था।
– लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के जल जीवन मिशन में दूसरे प्रदेश के ठेकेदारों को काम देने और स्थानीय ठेकेदारों की उपेक्षा के साथ करोड़ों रुपये की गड़बड़ी को लेकर कांग्रेस ने मुख्यंमत्री भूपेश बघेल से शिकायत की थी।
– दरअसल पीएचई विभाग के जल जीवन मिशन के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों के घरों में साल 2024 तक पाइप लाइन के माध्यम से पेयजल आपूर्ति का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। वर्तमान में जल जीवन मिशन में लगभग 7 हजार करोड़ रूपये के कार्यो के आबंटन की प्रक्रिया प्रगति पर है। मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया कि केंद्र सरकार के गाइडलाइन के अनुरुप जल जीवन मिशन की प्रक्रियाएं बनाई जानी चाहिए. पुरानी प्रक्रिया को निरस्त किया गया है।