scriptकैग की रिपोर्ट में 32 करोड़ के एक और घोटाले का पर्दाफाश, अफसरों ने ऐसे की हेराफेरी | CAG reports reveals Rs 32 crore scam in Chhattisgarh Seed Nigam | Patrika News

कैग की रिपोर्ट में 32 करोड़ के एक और घोटाले का पर्दाफाश, अफसरों ने ऐसे की हेराफेरी

locationरायपुरPublished: Jan 16, 2019 03:40:17 pm

Submitted by:

Ashish Gupta

छत्तीसगढ़ बीज एवं कृषि विकास निगम में 32.14 करोड़ रुपए का घोटाला अंकुरित हुआ है। कैग ने अफसरों की लापरवाही और गड़बडिय़ों के ऐसे तथ्यों को उजागार किया है, जिसमें करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है।

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कैग की रिपोर्ट में 32 करोड़ के एक और घोटाले का पर्दाफाश, अफसरों ने ऐसे की हेराफेरी

रायपुर. छत्तीसगढ़ बीज एवं कृषि विकास निगम में 32.14 करोड़ रुपए का घोटाला अंकुरित हुआ है। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने अफसरों की लापरवाही और गड़बडिय़ों के ऐसे तथ्यों को उजागार किया है, जिसमें करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है। अन्य बीज विपणन संस्थाओं को बचत बीज की बिक्री के लिए बीज निगम द्वारा समय पर प्रक्रिया शुरू नहीं करने से 32.14 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है। वहीं टीडीएस की कटौती नहीं होने से 4.27 करोड़ रुपए की हानि हुई है।
लेखापरीक्षा में पाया कि बीज निगम वर्ष 2012-13 एवं 2014-15 से 2016-17 के लिए आय का सही अनुमान लगाने में विफल रहा। इसके कारण अग्रिम कर का भुगतान कम हुआ, जिसमें परिणामस्वरूप 3.84 करोड़ रुपए का दाण्डिक ब्याज का भुगतान करना पड़ा। वहीं आयकर के त्रुटिपूर्ण अनुमान के कारण कंपनी को 8.21 करोड़ रुपे के अतिरिक्त आयकर का भुगतान करना पड़ा।
सबसे अहम बात यह है कि राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था को भुगतान की गई फीस से टीडीएस की कटौती नहीं करने के कारण 4.27 करोड़ रुपए के आयकर का परिहार्य भुगतान करना पड़ा। विक्रय की राशि वसूल किए बिना नीलामी सामग्री को उठाने की अनुमति देने से निगम 64.60 लाख रुपए की वसूली नहीं कर सका। कैग ने जब इस पर आपत्ति जताई, तो निगम ने 16.64 लाख रुपए वसूल करने की बात कहीं है। वहीं उस समय के प्रक्रिया केंद्र प्रभारी के विरुद्ध कार्रवाई करने का आश्वासन दिया गया है।

पुराने नोटों से वसूल ली बकाया राशि
नोटबंदी के बाद निगम ने 500 और 1000 रुपए के अप्रचलित नोटों से वसूली की है। कैग के मुताबिक बीज निगम ने केंद्र सरकार की अधिसूचना का उल्लंघन करते हुए 10 नवम्बर से 19 नवम्बर 2016 के बीच 52.82 लाख की राशि 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट से स्वीकर किए। इसी प्रकार 20 नवम्बर से 30 दिसम्बर 2016 के बीच 1000 रुपए के पुराने नोट से 8.90 लाख रुपए प्राप्त किए। इस मामले में मार्च 2018 में अपर मुख्य सचिव ने संबंधित कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए थे।

गबन करने वालों पर मेहरबानी
बीज एवं कृषि विकास निगम गबन करने वाले अफसरों पर भी मेहरबान रहा है। कैग ने खुलासा किया है कि अंबिकापुर के कर्मचारी डी.पी. पाठक और यादवेंद्र सिंह बघेल ने 50.93 लाख रुपए का गठन किया था। जून 2015 में शिकायत मिलने के बाद दोनों को निलंबित कर विभागीय जांच शुरू की गई थी। जुलाई 2017 में विभागीय जांच में गबन का आरोप सही पाया गया था। हालांकि पाठक के खिलाफ विभागीय जांच अभी चल रही है। खास बात यह है कि मामले में एफआइआर दर्ज कराने की जगह प्रबंध संचालक ने बिना कोई कारण बताए दोनों कर्मचारियों को बहाल कर दिया। यही नहीं, जुलाई 2018 की स्थिति में गबन की राशि वसूल नहीं की गई थी।

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