लोगों ने इसका विरोध किया तो उन्होंने भारत में लगाए गए जनता कफ्र्यू का हवाला देते हुए कहा कि जब वहां के लोग देशहित में साथ खड़े हैं तो इस देश के लोगों को भी समझना चाहिए और सरकार को मदद करनी चाहिए। यह कहना है महादेवघाट निवासी हेमंत शाह का। वे कनाडा के विन्निपेग में बिजनेसमैन हैं।
रायपुर के शकुंतला फाउंडेशन से जुड़े हैं। उन्होंने कोरोना के खिलाफ जारी विश्वव्यापी जंग में भारत के प्रधानमंत्री के द्वारा लिए गए कठोर निर्णय की सराहना की। उन्होंने बताया, मैं 15 मार्च को भारत से कनाडा पहुंचा तो जिम्मेदार नागरिक के नाते पत्नी और बच्चों सहित घर में खुद को आइसोलेट किया।
उस समय कनाडा में 500 कोरोना के मरीज थे। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हर संभव सहायता देकर लोगों से घर में रहने का आग्रह किया। भारत की तरह वहां भी लोग अपने घर से ऑफिस का काम करते हैं। यहां भी गैर-जरूरी चीजों को बेचना मना है। वहां भी लोग घरों में मनोरंजन करके समय बिता रहे हैं।
मैसेज वायरल नहीं करते
कनाडा में सोशल साइट्स पर लोग कोरोना के संदेशों को वायरल नहीं करते भारत में यह नहीं होना चाहिए। कनाडा में बाहर से आने वाले हर एक व्यक्ति को 15 दिन तक आइसोलेशन में रखा जा रहा है। यहां 1 अप्रैल से कनाडा की सबसे बड़ी एयरलाइंस 20 प्रतिशत क्षमता पर काम करने लगी है। कनाडा सरकार ने कोरोना के बढ़ते नए मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए आर्थिक पैकेज भी जारी किया है। भारत में भी यह पहले ही हो चुका है जो कि विकासवादी सोच का परिचायक है।