पीडि़ता ने अपनी शिकायत में बताया कि 2 जून 2017 को सामाजिक रिति रिवाज के अनुसार चिरमिरी निवासी आशीष केशरवानी के साथ मेरी शादी हुई है। हमारे दाम्पत्य जीवन से एक बच्ची हुई है, जो आज 1 वर्ष की है। मेरे पति मुझे हमेशा शारीरिक एवं मानसिक रूप से लगातार प्रताडि़त करते आ रहे हैं, कि अपने पिता से एक लाख व स्विफ्ट कार ले कर आने पर ही तुमको अच्छे से रखूंगा। जिससे मैं अपने पति को कई बार समझाया, लेकिन मेरे पति नहीं मानते हैं।
घटनातिथि 25 जुलाई को पति आशीष एवं जेठानी प्रीति केशरवानी मुझे मारपीट गाली गलौज एवं जान से मारने की धमकी देने लगे। जिससे मैं किसी तरह जान बचाकर सामने पड़ोसी के घर शरण ली थी। इस दौरान पड़ोसी ने बड़े जेठ को फोन से बुलाकर मुझे उनके घर भेज दिया था। घटना के बाद अपने पिता को फोन करने पर26 जुलाई 2019 को अपने मायके आ गई हूं।
इस दौरान मेरे पति मायके में आकर बोले- दहेज का सामान व नकद व्यवस्था हुआ, वरना तुमको नहीं ले जाउंगा। मैं अपने पति व ससुराल वालों के कृत्य से तंग आ चुकी हूं। मामले में आरोपियों के खिलाफ धारा 498-ए के तहत अपराध कायम कर विवेचना में लिया गया है।