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कैसे मिलेगा शुद्ध पानी

locationरायपुरPublished: Aug 17, 2018 07:14:19 pm

Submitted by:

Gulal Verma

राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल योजना के फंड का गलत इस्तेमाल

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कैसे मिलेगा शुद्ध पानी

आर्सेनिक फ्लोराइड और लोहे के प्रदूषण से जूझ रहे छत्तीसगढ़ के गांवों व स्कूलों में पीने का शुद्ध पानी उपलब्ध कराने के लिए बनी योजना का गंभीर वित्तीय अनियमितता और घोर लापरवाही का शिकार होना न केवल शर्मनाक है, बल्कि चिंताजनक भी है। जब नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल योजना के फंड का गलत इस्तेमाल हो रहा हो, जल सुरक्षा योजना से संबंधित योजना ही नदारद हो, जिला स्तरीय लैबोरेटरी में निर्धारित 34 मानदंडों में से महज 8 से 18 मापदंडों पर ही पानी की टेस्टिंग हो रही हो, विद्यार्थियों के लिए बनी जलमणि योजना तक धराशायी हो गई हो, आठ जिलों में से पांच जिलों में जिला स्तरीय पेयजल सुरक्षा कमेटी तक नहीं बनी हो, तो फिर प्रदेश के गांवों और स्कूलों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने की उम्मीद कैसे की जा सकती है? आखिर दूषित व आर्सेनिकयुक्त पानी पीकर प्रदेशवासी कब तक बीमार होते रहेंगे, कब तक मरते रहेंगे? लोगों को शुद्ध पानी आखिर कब मिलेगा?
सर्वविदित है कि प्रदेश के कई गांवों के लोग आर्सेनिकयुक्त पानी पीने से विभिन्न प्रकार की गंभीर बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं। बीमारी से लोगों की मौत रही है। बीमार लोगों का जीना दूभर हो गया है। वहीं, गंदा पानी पीने से पीलिया और डायरिया का कहर झेलना प्रदेशवासियों की नियति बन गया है। लोग जानना चाहते हंै कि राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल योजना में दुरुपयेोग हो रहे करोड़ों रुपए आखिर किसकी ‘जेबÓ में जा रहे हैं? निर्धारित मानदंडों के अनुरूप पानी की टेस्टिंग नहीं हो पाने रही है और योजना के क्रियान्वयन में जो घोर लापरवाही बरती जा रही है, उसके लिए जिम्मेदार कौन हैं?
प्रदेश में भ्रष्टाचार हर शासकीय विभाग में व्याप्त है। स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क हो, मनरेगा हो या फिर अन्य कोई योजना, सभी योजनाएं अनियमितता की शिकार हैं। योजनाएं पिछड़ती जा रही हैं। भ्रष्टाचार व लापरवाही की वजह से ज्यादातर योजनाओं का समुुचित लाभ हितग्राहियों को समय पर नहीं मिल पाता। वहीं, भ्रष्टाचार के अधिकतर मामलों में जांच के नाम पर लीपापोती, कार्रवाई के नाम पर दोषियों को बचाने की कवायद और अंत में बिना परिणाम के मामला ‘टांय-टांय फिस्सÓ हो जाता है। जबकि, भ्रष्ट लोगों को लोकसेवा से दूर रखना बेहद जरूरी है। भ्रष्ट बाबुओं, अफसरों के लिए सरकार का रवैया कड़ा होना चाहिए।
बहरहाल, कैग की रिपोर्ट को केंद्र और राज्य सरकार को गंभीरता से लेना चाहिए। यह सुनिश्चित करना चाहिए कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो और कोई भी दोषी सजा से बच न पाए। हर हाल में भ्रष्टाचार को रोकना जरूरी है, वरना अच्छी से अच्छी योजना का लाभ भी हितग्राहियों तक नहीं पहुंच पाएगा।
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