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CG NAN Scam: ED का एक्शन! टुटेजा पर लगा गलत तरीके से जमानत लेने का आरोप, HC के जज को प्रभावित करने की कोशिश एसीबी में दर्ज एफआईआर में उल्लेख किया गया है कि 2019 से 2020 तक लगातार आलोक शुक्ला और अनिल टुटेजा सीधे संपर्क में रहे हैं। चैट एवं उनके साथ संलग्न दस्तावेज़ों के अवलोकन, गोपनीय सत्यापन एवं सूचना संकलन पर प्रथम दृष्टया यह पाया गया है कि दोनों अधिकारियों ने लोक सेवक के पद पर रहते हुए अपने पदों का दुरुपयोग किया।
साथ ही तत्कालीन महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा को इस आशय से चैट भेजा गया कि, उनके साथ मिलकर अपराधिक षड्यंत्र करते हुए
ईओडब्ल्यू में पदस्थ उच्चाधिकारियों के विभागीय कार्यों से संबंधित दस्तावेज एवं जानकारी में बदलाव करा सकें। वहीं अपने खिलाफ नान मामले में दर्ज अपराध को अपने पक्ष में हाइकोर्ट में पेश किए जाने वाले जवाब दावा बनवाए गए, जिससे उन्हें अग्रिम जमानत का लाभ मिल सके।
गवाहों पर बनाया दबाव
ईडी में दर्ज प्रकरण में अग्रिम जमानत का लाभ लेने के लिए भी योजना के इनपुट मिले है। वहीं गवाहों को बयान को बदलने के लिए दबाव बनाने की जानकारी मिली है। ताकि अभियोजन साक्ष्य को प्रभावित किया जा सकें। बता दें कि ईडी की एसीआईआर 1/2019 और अपराध क्रमांक 9/2015 का उल्लेख किया गया है। इसे देखते हुए एसीबी में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गई है।