‘पत्रिका’ ने लगातार यह मुद्दा उठाया कि हमारे अपने डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टॉफ और अन्य स्टाफ कोरोना संक्रमित हो रहे हैं। 14 जून को डीएमई ने लिखा कि हाई रिस्क में आए सभी अधिकारी/कर्मचारियों को १४ दिन तक क्वारंटाइन किया जाए और उनका कोविड टेस्ट किया जाए। तो वहीं लो-रिस्क एक्सपोजर की कैटेगरी में आए अधिकारी/कर्मचारियों को सात दिन तक क्वारंटाइन किया जाए। ये वे स्टाफ होंगे जो सीधे मरीज के संपर्क में नहीं आए होंगे।
यदि इनमें लक्षण दिखाई दे तो इनका आरटी-पीसीआर टेस्ट करवाया जाए। निगेटिव आने पर वापस काम पर लिया जाए। यहां यह भी स्पष्ट कर दें कि संचालनालय अधीन संचालित प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज में पूर्व में क्वारंटाइन के अलग-अलग नियम बनाए गए थे। जिसे एक समान करने की मांग उठी थी। अब हाई रिस्क और लो-रिस्क की व्यवस्था लागू होने से स्टाफ को संक्रमण का कम खतरा होगा।